धार और वार

 


 


 


 



राजा भोज का दरबार लगा हुआ था। दरबार में पंडितों, ज्योतिषियों और विद्वानों की कमी न थी। उनका प्रधानमंत्री रोहक धर्म मर्मज्ञ होने के साथ-साथ तीक्ष्ण बुद्धि का व्यक्ति था। एक दिन भोज ने भरे दरबार में सवाल उठाया-इस संसार में सबसे तेज़ काटने वाला कौन है। जवाब में सभी ने अपनी अपनी बुद्धि अनुसार मधुमक्खी, बिच्छू, सांप या तलवार का नाम लिया। यह सब सुनकर भोज संतुष्ट ना हुए और सदा की भांति अपनी नजऱ प्रधानमंत्री रोहक की ओर घुमाई। रोहक बोला-सुनिए राजन, इन सभी जहरीले जीव-जंतुओं की अपेक्षा अधिक काटने वाले दो प्रकार के मानव होते हैं। एक निंदक, दूसरा चापलूस। राजा ने प्रश्नवाचक निगाहों से देखते हुए मंत्री को अपनी बात स्पष्ट करने को कहा। रोहक ने बताना शुरू किया-राजन, ईर्ष्या और द्वेष में भरकर निंदक, मनुष्य को पीछे से काटता है जो बहुत ही घातक होता है और चापलूस व्यक्ति हितैषी बनकर और वाणी में खुशामद भरकर सामने से ही मीठा वार करता है, जिससे वह व्यक्ति अभिमानी और गुमराह हो जाता है। इसलिए मेरी नजऱ में तेज़ काटने वालों में निंदक और चापलूस से बढ़कर कोई नहीं।