एनसीएलएटी ने खारिज की एचडीएफसी की आरएचसी होल्डिंग्स के खिलाफ याचिका

 


 


 


 



नईदिल्ली,10 जुलाई (आरएनएस)। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने अरबपति उद्यमी मालविंदर मोहन सिंह और शिविंदर मोहन सिंह द्वारा प्रवर्तित आरएचसी होल्डिंग्स कंपनी के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने की वित्तीय सेवा कंपनी एचडीएफसी की याचिका बुधवार को खारिज कर दी। एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायाधीश एस. जे. मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने इस मामले में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की प्रधान पीठ के आदेश को बरकरार रखा है। एनसीएलटी ने भी एचडीएफसी की याचिका को खारिज कर दिया था। एनसीएलएटी ने कहा कि एचडीएफसी की याचिका में उसे 'ठोस वजहÓ नजर नहीं आती और इसलिए यह सुनवाई योग्य नहीं है। एनसीएलएटी ने कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी), भारतीय रिजर्व बैंक की निगरानी के दायरे में आती हैं, इसलिए इस बारे में केंद्रीय बैंक से उपाय पूछने चाहिए ना कि दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता अदालत से। एनसीएलटी ने छह दिसंबर 2018 को दिए अपने आदेश में कहा था कि आरएचसी होल्डिंग्स एक एनबीएफसी कंपनी है और वह दिवाला एवं ऋण शोधन क्षमता संहिता के दायरे में नहीं आती है। एनसीएलटी के आदेश के खिलाफ एचडीएफसी ने एनसीएलएटी का रुख किया था। एचडीएफसी ने आरएचसी होल्डिंग्से 41 करोड़ रुपये की वसूली के लिए एनसीएलटी में गयी थी। आरएचसी होल्डिंग्स कंपनी ने अप्रैल 2016 में एचडीएफसी से 200 करोड़ रुपये का ऋण लिया था। कंपनी ने पहली तिमाही में इस ऋण का ब्याज समय पर चुकाया लेकिन बाद में उसने चूक करना शुरू कर दिया। एचडीएफसी के अनुसार गिरवी रखे शेयरों की बिक्री के बाद भी कंपनी के ऊपर उसका 41.09 करोड़ रुपया बकाया है।