मोहक पारियों के हिटमैन रोहित

 


 


 




बिना शोर मचाये चुपचाप बहने वाली गहरी नदी सरीखे रोहित शर्मा की जितनी उपलब्धियां हैं, उस हिसाब से उन्हें सुर्खियां नहीं मिलीं। कई बार कुछ कद्दावर खिलाड़ी सुर्खियां बटोरने की कला में इतने पारंगत हो जाते हैं कि दूसरी प्रतिभाओं को वाजिब तवज्जो नहीं मिल पाती। मगर प्रतिभा कहां छिपती है, मौका मिलते ही प्रतिभा मुखरित हो जाती है। इंग्लैंड में चल रहे क्रिकेट विश्व कप में रोहित शर्मा ने जो जानदार-शानदार पारियां खेलीं, उसकी चर्चा देश में भी है और सात समुंदर पार भी। चौकों-छक्कों की बरसात करने वाले रोहित शर्मा ने यह भी जता दिया कि उन्हें यूं ही 'हिट मैनÓ नहीं कहा जाता। बांग्लादेश के साथ विजयी मैच खेलने तक वे इस विश्व कप में चार शतक लगा चुके हैं। साथ ही इस विश्व कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी भी। इसके अलावा कई रिकॉर्ड भी उनकी झोली में आये।
अभावों की तपिश में तपकर कुंदन हुए रोहित फिलहाल टीम के उपकप्तान हैं। कभी स्पिन गेंदबाजी से कैरियर की शुरुआत करने वाले रोहित कब मध्यम क्रम बल्लेबाजी से सफल और भरोसेमंद ओपनर बन गये, पता नहीं चला। रोहित ने नई भूमिकाओं में खुद को खूबसूरती के साथ ढाला है।
रोहित गुरुनाथ शर्मा तीस अप्रैल 1987 को महाराष्ट्र के नागपुर में जन्मे। पिता की आय इतनी नहीं थी कि बेटे के क्रिकेट के खेल के शौक को पूरा कर सकें। फिर रोहित दादा व चाचा के साथ बोरीवली चले आये। चाचा के आर्थिक संबल से क्रिकेट की यात्रा की शुरुआत हुई। वर्ष?1999 में उन्हें कोच दिनेश लॉड का मार्गदर्शन मिला। कोच ने ही उन्हें महंगे स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल में दाखिला दिलवाया जहां दिनेश लॉड कोच थे। रोहित ने अपने कैरियर की शुरुआत ऑफ स्पिनर के तौर पर की। लॉड ने महसूस किया कि रोहित में बल्लेबाजी का हुनर ज्यादा है, फिर उसे बेहतर बल्लेबाज बनाने को प्रेरित किया। पहले आठवें नंबर पर खेलते थे मगर बाद में कोच ने उन्हें ओपनिंग के लिये भेजा। रोहित ने पहली ओपनिंग बल्लेबाजी में शतक जड़कर प्रतिभा का परिचय दिया।
रोहित ने वर्ष 2007 में एकदिवसीय क्रिकेट की शुरुआत आयरलैंड के विरुद्ध की। वहीं टेस्ट क्रिकेट कैरियर की शुरुआत वेस्टइंडीज के खिलाफ नौ नवंबर 2013 में कोलकाता के इडेन गार्डन्स में की, जिसमें उन्होंने 177 रनों की विस्फोटक पारी खेली। ऐसी पारी, जिसमें चौकों-छक्कों की बरसात हुई। उनका खेल रोमांचक होता है और दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करता है। छक्कों का तो उन्हें बादशाह कहा जाता है। यहां तक कि सचिन तेंदुलकर द्वारा खेले गये मैचों से आधे मैच खेलकर भी उन्होंने सचिन तथा कोहली से ज्यादा छक्के लगाये हैं। वे महेंद्र सिंह धोनी से भी अधिक छक्के लगाने वाले खिलाड़ी बन गये हैं। अभी शाहिद अफरीदी का विश्व रिकॉर्ड तोडऩा बाकी है। संवेदनशील इतने कि जब बांग्लादेश के साथ मैच में दर्शक दीर्घा तक पहुंची गेंद से एक फैन को चोट लगी तो वे उसे हस्ताक्षरित कैप देने जा पहुंचे। रोहित ने क्रिकेट के हर प्रारूप में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। वर्ष?2014 में श्रीलंका के विरुद्ध एकदिवसीय मैच में 264 रन की विशाल पारी खेलकर, वनडे क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। रोहित शर्मा एक दिवसीय मैचों में सर्वाधिक दोहरे शतक लगाने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी हैं। यहां तक कि ट्वेन्टी-ट्वेन्टी अंतर्राष्ट्रीय मैच में तीन शतक लगा चुके हैं। उनकी कप्तानी में भारत ने दुबई में एशिया कप तथा वर्ष 2017 में तीन मैचों की एक दिवसीय शृंखला भी जीती। उन्हें विराट कोहली के विपरीत ठंडे दिमाग का कप्तान माना जाता है।
बांग्लादेश के खिलाफ शतकीय पारी खेलने के बाद विराट ने स्वीकारा कि रोहित इस वक्त दुनिया के बेस्ट वनडे प्लेयर हैं। नि:संदेह तभी रोहित एक विश्व कप में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले भारतीय खिलाड़ी बने। साथ?ही एक दिवसीय क्रिकेट में उनके छब्बीस शतक भी पूरे हुए। इसके बावजूद रोहित अपनी पारियों को बेहद धैर्य के साथ खेलते हैं। उनके इसी धैर्य ने उन्हें महेंद्र सिंह धोनी जैसे दिग्गज के सामने चार बार आईपीएल ट्राफी जीतने का मौका दिया। उनका यही धैर्य उन्हें टीम में मैच जीतने वाला खिलाड़ी बनाता है। शांति से चुपचाप टीम को मुश्किल वक्त से उबारने का काम अकसर करते हैं रोहित। यही गुण उन्हें समकालीन श्रेष्ठ वनडे खिलाडिय़ों में अग्रणीय बनाता है। किसी मायने में वे विराट कोहली के समानांतर टीम के मजबूत स्तंभ हैं। कोहली के अलावा रोहित शर्मा ने क्रिकेट के विभिन्न प्रारूपों में सबसे ज्यादा रन व शतक बनाये हैं। जहां तक सफल सलामी बल्लेबाज के रूप में उनकी पारियों का स्तर है तो दुनिया का कोई खिलाड़ी उनके मुकाबले नजर नहीं आता। ऐसी में उम्मीद की जानी चाहिए कि वे एक बार?फिर इंग्लैड में विश्व कप भारत की झोली में डालने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे।
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