100 करोड़ रूपए की लागत से कराया जाएगा मस्जिद अल्लाह का निर्माण


सहारनपुर में पत्रकारों से वार्ता करते दि इस्लामिक फाउंडेशन के पदाधिकारी।
सहारनपुर।(आरएनएस) दि इस्लामिक फाउंडेशन इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष मो. अली एडवोकेट ने कहा कि सहारनपुर में मनमोहक व प्राकृतिक स्थान पर 100 करोड़ रूपए की लागत से कांच की मस्जिद अल्लाह का निर्माण कराया जाएगा। इस मस्जिद की बिल्डिंग व प्रांगण में एक समय में एक लाख लोग नमाज अदा कर सकेंगे तथा इस मस्जिद के चारों ओर एक हजार मकानों का भी निर्माण किया जाएगा। मोहम्मद अली एडवोकेट आज यहां फाउंडेशन के कार्यालय पर पत्रकारों के साथ वार्ता कर रहे थे। उन्होंने बताया कि यह मस्जिद 11 हजार लेजर लाइटों से जमगमाएगी। मस्जिद बुलेट प्रूफ व भूकम्परोधी होगी। इस मस्जिद को बनाने के लिए बेल्जियम के इंजीनियर व कारीगरों के साथ ही भारत के चुनिंदा क्षेत्रों के कारीगरों की सेवा ली जाएगी। उन्होंने बताया कि कांच की मस्जिद अल्लाह में 90 प्रतिशत सामग्री कांच व 10 प्रतिशत काम शीशा, प्लाई, स्टील व सोने-चांदी के पत्रों से होगा।  उन्होंने बताया कि भविष्य में किसी भी विवाद से बचने के लिए मस्जिद का एएसआई से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी प्राप्त किया जाएगा कि इस स्थल पर पूर्व में कोई इमारत नहीं थी। कांच की मस्जिद अल्लाह विश्व की पहली ऐसी मस्जिद होगी जो किसी राजा-महाराजा या शासक द्वारा निर्मित न होकर आम जनता व गरीबों के सहयोग से निर्मित होगी जो 2025 तक बनकर तैयार हो जाएगी जिसमें विदेशी सैलानियों की सुविधा के लिए हवाई पट्टी भी निर्मित की जाएगी। एक सवाल के जवाब में मोहम्मद अली एडवोकेट ने कहा कि अयोध्या में दर्जनों मस्जिदें व दसवें नबी हजरत शीश की आरामगाह व दीगर बुजुर्गों की मजारात है। मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड व वक्फ बोर्ड को चाहिए कि सरकार व धार्मिक संगठनों से तालमेल बैठाकर उन स्थलों को विकसित करें जो सैंकड़ों वर्षों से उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं। बाबर का धर्म से कोई सरोकार नहीं है। बाबर भी सम्राट अशोक व सिकंदर महान की तरह एक शासक था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि न्यायालय की खंडपीठ ने देश को तबाह व बर्बाद होने से बचाया है।  इवार्ता के दौरान फाउंडेशन के मंडल अध्यक्ष अब्दुल सलाम सहारनपुरी, हाजी जमील, सरफराज खान, आमिर अंसारी, मो. अजीम, शादाब उमर, अब्दुल मलिक, हाजी आबाद, नूर हसन, नूर मोहम्मद, वसी उल्लाह खान, अब्दुल वक्कार, एम. ए. खान आदि मौजूद रहे।