शिकायत पर कार्रवाई न होने से भड़के विधायक, किया बैठक का बहिष्कार क्रासर- डीएम द्वारा कारवाई के आश्वासन के बाद बैठक में हुए शामिल

शिकायत पर कार्रवाई न होने से भड़के विधायक, किया बैठक का बहिष्कार
क्रासर- डीएम द्वारा कारवाई के आश्वासन के बाद बैठक में हुए शामिल
सीतापुर।(आरएनएस) एक बार फिर जनपद में भ्रष्ट्राचार की पोल जिले के माननीयों व आला अधिकारियों के सामने खुलकर आ गई। कई बार डीएम, सीडीओ व पीडी से सत्तापक्ष के एक विधायक द्वारा पीएम आवास योजना के तहत लाभार्थी द्वारा घूस की मांग करने की शिकायत करने पर कार्रवाई न करने तथा आरोपित एडीओ पंचायत व प्रधान द्वारा पीडि़त के घर जाकर महिलाओं से अभद्रता करने से नाराज होकर समिति के अध्यक्ष सांसद के नेतृत्व मेें हो रही जनपद के विकास कार्य की निगरानी समिति की बैठक का बहिष्कार कर सभाकक्ष से बाहर निकल आए। हालांकि जिलाधिकारी ने उन्हे मानमनौव्वल तथा कार्रवाई के आश्वासन के बाद पुनरू बैठक में शामिल कराया। शनिवार को जिलाधिकारी सभाकक्ष में विकास कार्य की निगरानी समिति की बैठक समिति के अध्यक्ष सांसद राजेश वर्मा की अध्यक्षता में चल रही थी। बैठक के दौरान हरगांव विधायक सुरेश राही को विकास खण्ड परसेण्डी के ग्राम धोंधी से पीएम आवास के एक लाभार्थी अजय जायसवाल ने फोन पर सूचना दी कि आपके माध्यम से पीएम आवास योजना में पचास हजार रूपए की घूस मागनें की शिकायत की थी जिससे नाराज होकर ग्राम प्रधान राजकुमार व एडीओ पंचायत रामपाल वर्मा हमारे घर आकर महिलाओं के साथ अभ्रदता करते हुए धमकी दी कि दोबारा शिकायत न करना। यह जानकारी मिलते ही विधायक सुरेश राही ने बैठक का विरोध करते हुए कहा कि जब मेरे द्वारा स्वयं जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी तथा पीडी से कई बार की गई। जिसमें जिलाधिकारी द्वारा जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन भी दिया गया लेकिन जांच के बजाय आरोपी प्रधान व एडीओ पंचायत पीडि़त के घर जाकर अभद्रता करते हुए धमकी दी कि अगर दोबारा शिकायत करोगें तो तुम्हे जेल में भेज देगें। विधायक ने बैठक में अपनी शिकातय दर्ज करते हुए कहा कि जब मेरी द्वारा की गई शिकायत का यह हाल है तो आम आदमी का क्या हाल होगा। यह बात कहते हुए विधायक सभाकक्ष से बाहर निकल आए। विधायक के बाहर निकलते ही हडकंप मच गया। जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी ने खुद बाहर निकलकर विधायक की मानमनौव्वल की तथा मामले की तत्काल जांचकराकर कार्रवाई की बात कहते हुए विधायक को बैठक में शामिल कराया। विधायक की शिकायत के बाद अदांजा लगाया जा सकता है कि जिले में भ्रष्ट्राचार कितने चरम पर होगा। वही दूसरी तरफ बैठक में कौशल विकास योजना के तहत पंजीकृत प्रशिक्षु से अधिक सं या में रोजगार देने पर आपत्ति जताते हुये सांसद राजेश वर्मा ने जिला  समन्यवक से पूछा कि जब योजना के तहत 328 लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया तो रोजगार 340 लोगों को कैसे दे दिया। सांसद के इस सवाल पर जिला समन्वयक संतुष्टपूर्वक जवाब नही दे पाये जिस पर सांसद ने जिलाधिकारी से मामले की जांच के आदेश दिये।