तहसीलदार की नोटिस से खलबली


कोरबा 28 नवम्बर (आरएनएस)। शहर के पुराना बस स्टैंड में निवासरत एक दर्जन व्यापारियों को तहसील दार द्वारा नोटिस जारी किए जाने पर हड़कंप मच गया है। दुकान व आवास स्थल को सरकारी जमीन पर अतिक्रमण बताते हुए कहा गया है कि पट्टेदार भू स्वामी के हक प्राप्त करना चाहता है तो उसे 2 फीसदी के समतुल्य अतिरिक्त राशि भी देनी होगी। व्यापारियों का कहना है कि सर्वे करने पहुंची टीम ने कुछ जानकारियां मांगी थी, उसे हमने उपलब्ध कराया था। वहीं तहसीलदार का कहना है कि सरकारी जमीन पर स्वामित्व प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले व्यापारियों को ही नोटिस भेजा गया है।
जमींदारी राज में रानी धनराज कुंवर ने पुरानी बस्ती व पुराना बस स्टैंड के अलावा मुड़ापार में कई लोगों को जमीन आवंटन की थी। 50 साल से भी अधिक समय से पुराने दस्तावेज के आधार पर लोग काबिज हैं। वर्तमान में पुराना शहर का 50 फीसदी हिस्सा इस आबादी जमीन मे बसा हुआ है। बुधवार को कोरबा तहसीलदार सुरेश साहू ने इस क्षेत्र के कुछ व्यवसाइयों को अतिक्रमण व शासकीय भूमि के आवंटन के लिए भू.भाटक का निर्धारण की नोटिस भेज दी। भू भाटक की राशि लाख दो लाख की नहीं बल्कि 42 लाख तक है। नोटिस में कहा गया था कि सूचना प्राप्त होने के बाद 29 नवंबर को तहसील कार्यालय में उपस्थित होकर राशि जमा करावें। जिसके बाद भूमि स्वामी का हक प्रदान किया जाएगा। इस नोटिस के बाद व्यवसायियों के बीच खलबली मच गई। उनका कहना है कि इस तरह की नोटिस सैकड़ों लोगों को भेजी गई है वहीं तहसीलदार का कहना है कि उन 12 व्यापारियों को ही नोटिस भेजी गई है, जिन्होने पट्टा हेतु इच्छा जाहिर की है। प्रशासनिक स्तर पर जारी किए गए नोटिस से व्यापारियों में नाराजगी देखी जा रही है। भारी भरकम राशि देख होश उड़ गए हैं। इसके अलावा अतिक्रमण शब्द से भी बेहद आहत हुए हैं। अतिक्रमण मानते हुए जमीन का जिस तरह से मूल्य निर्धारण किया गया है उससे व्यवसायियों के माथे पर चिंता है। पुराना बस स्टैंड स्थित व्यापारी प्रकाशचंद्र जैन को जारी नोटिस में तहसीलदार ने इस बात का उल्लेख किया है कि पटवारी हलका नंबर 16 राजस्व निगम मंडल कोरबा स्थित भूमि खसरा नंबर 499 में 1325 वर्ग फीट भूमि पर व्यापारी ने भवन बना कर कब्जा किया है। छत्तीसगढ राजस्व आपदा प्रबंधन की ओर से जारी निर्देशानुसार उक्त जमीन के लिए 150 फीसदी की दर से प्रब्याजी राशि 31 लाख 54879 रूपये जमा करना होगा।