34 कन्याओं ने समाज सेवा के लिए जीवन को किया समर्पित

34 कन्याओं ने समाज सेवा के लिए जीवन को किया समर्पित
०  माता-पिता ने अपनी बेटी का हाथ दादी के हाथ में सौपकर कन्यादान की रस्म पूरी की।
० समर्पण समारोह में छत्तीसगढ़ी गीतों की प्रस्तुति ने कर दिया मंत्रमुग्ध
रायपुर 22 दिसम्बर (आरएनएस)। छत्तीसगढ़। सत्य और निष्ठा के श्रेष्ठ मार्ग पर चलने के दृढ़ संकल्प के साथ बुढ़ापारा स्थित इण्डोर स्टेडियम में शिव शक्तियों के समर्पण समारोह का आयोजन सम्पन्न हुआ। जिसमें 34 कन्याओं ने समाज सेवा के लिए अपने जीवन को समर्पित किया। इन बहनों के मन में मानवता की सेवा और ईश्वरीय प्रेम का आकर्षण था जो कि इन्हें अध्यात्म के मार्ग पर ले आया। अब यह ताउम्र विश्व कल्याण और समाज उत्थान के लिए ब्रम्हचर्य व्रत का पालन करेंगी।
साक्षी होकर पार्ट बजाना सीखा दिया:
ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी जी ने कहा कि वर्तमान कल्याणकारी पुरूषोत्तम संगमयुग में हमें परमात्मा का परिचय मिला है। इस समय भगवान हमारा साथी है। उन्होंने हमें ऐसी नॉलेज दी है जो हमेेंं हर परिस्थितियों में अचल-अडोल होकर अपना कार्य करना सिखा दिया है। इंदौर जोन की निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने कहा ये जो कन्यायें मानवता की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करने जा रही हैं ये त्याग और तपस्या की मूरत है। इन्होंने भौतिकता और विलासिता के मार्ग को छोड़कर अध्यात्म के मार्ग को चुना है।
नए भारत का हो रहा है उदय:
ब्रह्माकुमारी संस्था के कार्यकारी सचिव ब्रह्माकुमार मृत्युंजय भाई ने कहा आज का समागम हम सभी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। आज विश्व कल्याण की भावना के साथ 34 कन्याओं का समर्पण होने जा रहा है। छत्तीसगढ़ सिर्फ धान का ही कटोरा नहीं है बल्कि ज्ञान, स्नेह और प्रेम का भी कटोरा है। आज हमारा देश एक नये आयाम को छुने के लिए तैयार हो रहा है। यहां का अनुशासन और एकता अनुकरणीय है।
महत्वपूर्ण है सात वचन
प्रयागराज से आयी हुई ब्रह्माकुमारी मनोरमा दीदी ने कहा जिस तरह शादी में सात फेरे लिए जाते हैं उसी प्रकार यहां सात वचनों की प्रतिज्ञा की जाती है। कहा जाता है कि कन्यादान सर्वोत्तम दान है। इन कन्याओं को तरासने में कमला दीदी के साथ-साथ परमात्मा का भी बड़ा योगदान है। आज के समारोह को देखकर ऐसा लगता है जैसे आज यहां त्रिवेणी संगम हुआ हो।
- विशेष आकर्षण:
- दादीजी को स्मृति चिन्ह के रूप में पवित्रता का प्रतीक स्वर्ण जडि़त मयूर भेंट किया गया।
- दादीजी ने धान से बने हुए अपने चित्र का अनावरण किया।
- छत्तीसगढ़ सेवाकेंद्र की ओर से दादी जी को विभिन्न प्रकार के धान की किस्में भेंट की गई।
- समर्पण समारोह के अवसर पर रायपुर सेवाकेंद्र द्वारा प्रस्तुत की गई नृत्य नाटिका ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
००००