आईबीसी के मंजूरी पूर्व चरण में निपटाया गया है।

लगभग 3,74,931.30 करोड़ रुपये की कुल राशि के 9,653 मामलों को आईबीसी के मंजूरी पूर्व चरण में निपटाया गया है।
2,838 मामलों को कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) में मंजूर किया गया जिसमें से 306 मामले अपील/ पुनर्विचार/ वापस लेने से बंद हो गए हैं।
समाधान किये गए 161 मामलों में वसूली योग्य राशि 1,56,814 करोड़ रुपये है।
वर्ल्ड बैंक डूइंग बिजनेस रिपोर्ट 2020-दिवाला सूचकांक समाधान।
भारत की रैंकिंग 2018 के 108वें स्थान की तुलना में 2019 में 56 पायदान की छलांग के साथ 52वें स्थान पर पहुंच गई।
वसूली दर 2018 के 26.5 प्रतिशत से बढ़कर 2019 में 71.6 प्रतिशत हो गई।
2018 में वसूली में लगने वाला समय 4.3 वर्ष से बेहतर होकर 2019 में 1.6 वर्ष हो गया।