अफवाहों व जज्बात में बहकर भीड़ का हिस्सा बनने से बचें मुसलमान


सहारनपुर।(आरएनएस) मरकजी जामा मस्जिद कमेटी की बैठक में मुस्लिम समाज से नागरिकता संशोधन कानून व एनआरसी को लेकर किसी भी प्रकार के नेतृत्वविहीन विरोध प्रदर्शन से बचने की अपील की गई। जामा मस्जिद स्थित कार्यालय में आयोजित बैठक को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सरकार की किसी भी नीति व आलोचना करना प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है। हमें इस अधिकार का प्रयोग लोकतांत्रिक रूप से ही करना चाहिए। वक्ताओं ने कहा कि मुस्लिम समाज के लोगों को इन प्रदर्शनों का हिस्सा तभी बनना चाहिए जब इसके लिए मजहबी, सियासी या सामाजिक जिम्मेदारों द्वारा आह्वान किया गया हो क्योंकि बिना जिम्मेदारों के सड़क पर उतरी भीड़ में समाज विरोधी तत्व भी शामिल हो जाते हैं तथा प्रदर्शन को उपद्रव में बदल देते हैं। बाद में इसका खामियाजा पूरे मुस्लिम समाज को भुगतना पड़ता है। वक्ताओं ने कहा कि देश व संविधान की हिफाजत करना सभी नागरिकों का फर्ज है परंतु इसके नाम पर कानून को अपने हाथ में लेने की कोई इजाजत नहीं है। उन्होंने कहा कि मुसलमान अपनी मस्जिदों में नमाज अदा करके मुल्क की तरक्की व अमन के लिए दुआ करें तथा अफवाहों व जजबात में बहकर भीड़ का हिस्सा बनने से बचें ताकि अपने जिले को महफूज रखा जा सके। बैठक को जामा मस्मिद प्रबंध समिति के सचिव मसूद बदर व प्रबंधक मौलाना मो. फरीद मजाहिरी ने सम्बोधित किया। बैठक की अध्यक्षता एम. शाहिद जुबैरी व संचालन अबूबकर शिबली ने किया। बैठक में मसहूद अली खान, ओसाफ गुड्डू, चै. मुजफ्फर, नईम पीरजादा, शाहिद फारूख, सुहाले अहकर, मा. शेरखान, डा. मरगूब हसन, जुनैद खान, मा. महमूद आदि मौजूद रहे।