बकेवर हाइवे पर हुआ हादसा- दो की मौत, एक गंभीर


इटावा, बकेवर। रविवार की रात को बकेवर नेशनल हाइवे पर राजस्थान से अपने घर आ रहे दोस्त को मोटरसाइकिल से लेने गये दो युबकों को दोस्त का बैग बस में रह जाने के कारण बस का पीछा करके पीछे भागे तीनों दोस्तों को लौटते समय अनियंत्रित ट्रक ने टक्कर मारी जिसमें दो युबक की मौके पर मौत हो गयी वहीं एक युवक जिन्दगी और मौत के बीच प्राइवेट नर्सिंग होम इटावा में संघर्ष कर रहा है। गाँव में मातम छाया हुआ है।
इस घटना के बाबत बताया जाता है। कि रविवार की रात्रि करीब दस बजे गाँव के ही सत्यनारायण बाथम पुत्र राकेश बाथम उम्र 26 वर्ष को कि राजस्थान में एक भट्टे पर जेसीबी मशीन का चालक था वह बस से अपने गाँव बेरीखेडा आ रहा था कि उसे गाँव के ही दोस्त प्रदीप कुशवाहा पुत्र अतरसिंह उम्र 26 वर्ष व सौरभ कुशवाहा पुत्र मानसिंह उम्र 17 वर्ष एक मोटरसाइकिल से नेशनल हाइबे पर लेने गये थे लेने गये थे। जैसे ही बस भर्थना ओवर ब्रिज पर आई तो सत्यनारायण बस से उतर गया और अपना बेग लेना भूल गया। तो तीनों दोस्तों के साथ मोटरसाइकिल से बस को रोकने का प्रयास किया लेकिन घना कोहरा व सर्दी होने के कारण पीछा नहीं कर सके। तो फिर डिबाइडर पार करके बापस बकेवर को लौटने लगे तो सुनवर्सा बम्बा के पास औरैया की ओर से तेज गति से आ रहे अनियंत्रित ट्रक ने टक्कर मार दी जिससे प्रदीप व सौरभ की मौके पर ही मौत हो गयी वहीं सत्यनारायण गम्भीर रुप से घायल हो गया। इस घटना की सूचना मिलते ही प्रभारी निरीक्षक बकेवर प्रमोद शुक्ला व कस्बा इंचार्ज प्रियांजली सिंह व अन्य पुलिस वल व डायल 112 भी मौके पर पहुंची और मृतकों को कब्जे में लेकर व घायल को जिला अस्पताल इटावा भर्ती कराया लेकिन हालत गम्भीर होने पर मिनी पीजीआई सैफ ई भर्ती कराया वहां से भी आगरा के लिए रिफर कर दिया। वहीं  इस घटना से गाँव में मातम छाया हुआ है। मृतक प्रदीप अतर सिंह का इकलौता पुत्र था। जिसकी शादी होने का बाद एक डेढ वर्ष का पुत्र है। लेकिन पत्नी से मैन्टीनेन्स का मुकदमा चलने के कारण पत्नी मायके रह रही है। वहीं इसके अलाबा घायल सत्यनारायण भी राकेश बाथम का इकलौता पुत्र है। जो जेसीबी मशीन चलाने का राजस्थान में काम करता था। नौकरी से घर आते समय महज गाँव से पांच किलोमीटर पहले ही उसका व दोस्तों का उसे लेने आने पर यह हाल हो गया। गाँव में अलग अलग दो स्थानों पर परिजनों व गाँव की महिलाओं का रो रो कर बुरा हाल है। गाँव में मातम छाया हुआ है।