मीरजापुर।विंध्याचल, दिनांक गुरुवार को समय सुबह सूर्य ग्रहणके कारण मां विंध्यवासिनी देवी के मंदिर का कपाट बन्द रहा, इस अवधि में दर्शन के अभिलाषा से पहुंचे भक्तों ने भी मां के प्रांगण में बैठे भक्ति साधना किया । विश्व के कई देशों में सूर्य ग्रहण के प्रभाव से समस्त जीव अपने सभी कार्यों को रोक कर अपने ईष्ट भगवान के साधना में लग गएथे,इसी प्रकार विश्व के केंद्र बिंदु पावन धरती विंध्याचल में स्थित मां विंध्यवासिनी मंदिर भी बंद रहा। मां के मंदिर का कपाट और झांकी दर्शन साढ़े छह घंटे तक बंद करने का निर्णय लिया गया था। इसमें 2 प्रवेश द्वार और 2 निकास द्वार एवं झांकी दर्शन भी प्रभावित रहा। विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने बताया कि गुरुवार को सूर्य ग्रहण लगने के कारण सुबह 7:00 से 1:30 बजे तक मां विंध्यवासिनी मंदिर का कपाट और झांकी दर्शन बंद रहा,उन्होंने बताया कि दोपहर आरती के बाद ही मां विंध्यवासिनी मंदिर का कपाट खोला गया। विंध्य पंडा समाज के मंत्री भानु पाठक ने विस्तार में बताते हुए कहा कि गुरुवार को प्रातः काल 4:00 से 5:00 बजे मां के मंगला आरती के बाद 5:00 से 7:00 बजे तक श्रद्धालु दर्शन कर सकें,इसके तत्पश्चात 7:00 से 1:30 बजे तक मां के मंदिर का कपाट पूर्व निर्णित कार्यक्रम के अनुसार बन्द रहा । सूर्य ग्रहण और मां के दोपहर आरती वंदन के बाद श्रद्धालु दर्शन कर सके। वही दूसरी तरफ मां का मंदिर प्रांगण स्थानीय लोग और श्रद्धालुओं से भरा रहा ,जिसमे सभी अपने ईष्ट भगवान के साधना में लगे रहे । भक्ति के रस में मंदिर प्रांगण और पूरा विंध्य धाम ग़ोता लगाता रहा। इस दौरान स्थानीय प्रतिष्ठान भी बंद रहे। सूर्य ग्रहण के पश्चात सभी भक्त गंगा में डुबकी लगा मां का दर्शन पूजन शुरु कर दिए और सभी प्रतिष्ठान भी खुल गए।
*चन्द्र ग्रहण के समय मां विंध्यवासिनी मंदिर रहा बंद, श्रद्धालु करते रहे भक्ति साधना