डीएम ने थाना व अस्पताल का किया निरीक्षण


रुदौली-अयोध्या ।जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने मंगलवार को मवई थाना तथा सी एच सी मवई का आकस्मिक निरीक्षण किया।डी एम के आकस्मिक निरीक्षण में भीषण ठण्ड के मौसम में कर्मचारियों को पसीना आ गया।जिलाधिकारी ने सबसे पहले मवई थाने का आकस्मिक निरीक्षण किया।मवई थाना पहुँच कर सबसे पहले उन्होंने भूमि विवाद रजिस्टर,ड्यूटी रजिस्टर,अपराध रजिस्टर,तहसील व समाधान दिवस का रजिस्टर मंगा कर बारीकी से एक एक बिन्दु का अवलोकन किया। उन्होंने कार्यालय के मुंशी संजय कुमार से पूछा कि दण्ड प्रक्रिया संहिता 151,107/ 16 एवं 133 पब्लिक न्यूसेंस (लोक अवरोधक) के अन्तर्गत माह नवम्बर में कितने व्यक्तियों के विरुद्ध प्रिवेंटिव(निरोधात्मक)कार्रवाही सुनिश्चित की गयी।उन्होंने यह भी जानकारी की थाना क्षेत्र में भूमि विवाद के प्रकरण लम्बित है अथवा उन पर कृत कार्रवाही शेष है।जिलाधिकारी ने कहा कि पट्टे की भूमि पर अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराना पुलिस का दायित्व है।डी एम ने कहा केवल 107/116 में पाबंद कर देना ही समस्या का समाधान नही जब तक 116(3) में बाउंड न हो तब तक इसका कोई मतलब नही।डी एम ने भूमि विवाद निस्तारण की सत्यता परखने के लिये रजिस्टर में अंकित ग्राम खरिका मजरे सैदपुर के कुंज बिहारी यादव के मोबाईल पर सम्पर्क करने का भी प्रयास किया लेकिन मोबाईल नम्बर गलत होने के कारण उससे सम्पर्क नही हो सका। डी एम ने अपने निरीक्षण में सबसे ज्यादा महिला उत्पीड़न तथा अवैध शराब के बारे में जानकारी हासिल की।उन्होंने उपस्थित पुलिस कर्मियों से सवाल किया कि इस थाने में महिलाओं के विरुद्ध कोई गम्भीर अपराध पेंडिंग दुराचार का मामला तथा लड़की गायब होने का मामला पेंडिंग के बारे में पूछताछ की।इसके बाद उन्होंने अवैध शराब के बारे में पूछा कि यहाँ किस किस गांव में कच्ची शराब बनती है।उन्होंने अंतिम बार अवैध शराब के विरुद्ध कब कार्रवाई हुई इसके बारे में वहाँ मौजूद पुलिस कर्मियों से पूछा।डी एम ने अवैध खनन  तथा ओवरलोडिंग के बारे में भी जानकारी हासिल की।मवई थाने का आकस्मिक निरीक्षण करने के बाद डी एम अनुज कुमार झा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मवई पहुंचे उन्होंने सबसे पहले दवा वितरण केंद्र का निरीक्षण किया वहाँ मौजूद फार्मेसिस्ट से दवाओं के बारे में जानकारी ली फिर वह स्टोर रूम पहुँच कर कैलामाई लोशन का मिलान किया,डिस्ट्रिल वाटर चेक किया।उन्होंने वहां उपस्थित चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर रविकांत से पूछा कि मरीजों को बाहर से दवा टी नही लिखते हो।डी एम ने प्रसव कक्ष का रजिस्टर मंगा कर चेक किया तथा मरीजों से भी जानकारी ली।कुछ लोगो ने महिला चिकित्सक के नियमित रूप से न आने की शिकायत पर डी एम ने इनके विरुद्ध जाँच कराये जाने का आश्वासन दिया।डी एम के जाने के बाद अस्पताल के कर्मचारियों ने राहत की सांस ली।