जनता को मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर उक्त कानूनों का करना चाहिये विरोध


बाराबंकी। देश के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर जनता को एन0पी0आर, एन0आर0सी तथा सी0ए0ए जैसे कानूनों का विरोध करना चाहिए। उक्त विचार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा महामहिम राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को देते समय पार्टी के पदाधिकारियों ने कही। ज्ञापन में कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा इन कानूनों को लागू करने से साम्प्रदायिक सौहार्द नष्ट हो रहा है। यह उसी तरह की योजना है जैसे नोटबंदी की गयी थी। लेकिन लाखों करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी देश को कोई भी फायदा नहीं हुआ। और अर्थ व्यवस्था चौपट हो गई। व्यापार के क्षेत्र में जी0एस0टी लागू की गई और व्यापार ठप्प हो जाने से सरकार को इतना नुकसान हुआ कि रिजर्व बैंक आफ इंडिया से रिजर्व फंड रुपए लेने पडे। इस तरह की योजनाओं से देश व प्रदेश में विकास कार्य रुक गया है। जी0डी0पी दर एक तरह से समाप्त हो गई है। ज्ञापन में लिखा है कि प्रदेश में राज्य द्वारा संरक्षित हिंसा से काफी नुकसान हुआ है और शान्ति पूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को गम्भीर धाराओं में जेलों में निरुद्ध कर रखा गया है। प्रदेश में आपकी सरकार में लोकतांत्रिक आवाजो को दबाने के लिए दमनकारी तंत्र चलाया जा रहा है। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए गम्भीर खतरा है। संवैधानिक व प्रशासनिक संस्थाओं के सुचारू रूप से संचालित न होने से दमनचर्क तेज हो गया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने ज्ञापन द्वारा मांग की है कि प्रदेश में निरुद्ध सभी प्रदर्शनकारियों को अविलंब रिहा किया जाए, सभी मुकदमे वापस लिए जाए, गिरफ्तार किए गए लोगों को क्षतिपूर्ति दी जाए और जिन अधिकारीयों व कर्मचारियों ने जनता के घरों में घुसकर तोड़ फोड़ की है उनके ऊपर मुकदमें कायम किए जाए। मृतकों भी मुआवजा दिया जाए। ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वालों में भाकपा जिला सचिव बृज मोहन वर्मा, आप जिलाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार पटेल, भाकपा प्रदेश राज्य परिषद सदस्य रणधीर सिंह सुमन, सहसचिव शिव दर्शन वर्मा, किसान सभा अध्यक्ष विनय कुमार सिंह, प्रवीण कुमार, गिरीश चन्द्र, नीरज वर्मा वीरेंद्र कुमार, अधिवक्ता रणबीर सिंह यादव, रामनरेश वर्मा, जावेद, आदि प्रमुख लोग थे।
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