जिलाधिकारी ने विकास खण्ड हरिहरपुर रानी का किया औचक निरीक्षण







श्रावस्ती |जिलाधिकारी सुश्री यशु रूस्तगी ने विकास खण्ड हरिहरपुर रानी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया, निरीक्षण के दौरान उन्होने  ग्रांट रजिस्टर का अवलोकन किया तो ज्ञात हुआ कि वर्ष 2016 से ग्रांट रजिस्टर पर ब्लाॅक में गाॅवों के विकास के लिए आयी धनराशि एवं उसके व्यय का विवरण नही भरा  गया है| इस प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने सहायक लेखाकार कैलाश नाथ को कड़ी फटकार लगाई तथा एक माह का मोहलत देते हुए ग्रांट रजिस्टर को दुरूस्त करने का निर्देश दिया है। ज्ञात हुआ कि अक्टूबर 2016 से सम्बंधित सहायक लेखाकार द्वारा यहा का कार्य देखा जा रहा है, लेकिन सम्बंधित सहायक लेखाकार द्वारा अपने कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वहन न करने के कारण लेखा का कार्य अधूरा है, सहायक लेखाकार के इस लापरवाही के लिए जिलाधिकारी ने खण्ड विकास अधिकारी को निर्देश दिया, कि यदि एक माह के अन्दर अधूरा ग्रांट रजिस्टर पर धनराशि का विवरण नही भरा जाता है तोे इनके विरूद्ध कम्पलसरी रिटार्यड मेंट के कार्यवायी के लिए पत्रांवली प्रस्तुत की जाए।
जिलाधिकारी के निरीक्षण के दौरान  यह भी पाया गया कि ब्लाॅक द्वारा मनरेगा के तहत कराये जाने वाले कार्य ,कराये गये कार्यो की पत्रांवलियाॅ भी अपडेट नही पायी गयी तथा कई पत्रांवलियों मे सम्बंधित अनिर्वाय अभिलेख न होने के बावजूद भी सम्बंधित खण्ड विकास अधिकारियों द्वारा कार्य की स्वीकृत भी दे दी गयी है, इस प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने वही पर उपस्थित खण्ड विकास अधिकारी यशोवर्धन सिंह को सभी पत्रांवलियों को दुरूस्त कराने के साथ ही मनरेगा के तहत कराये जाने वाले कार्यो की सूक्ष्मता के साथ जाॅच के बाद ही कार्यो की स्वीकृती देने का निर्देश दिया। इसके पश्चात डीएम ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का कार्य देख रहे सम्बंधित पटल सहायक से स्वंय सहायता समूहो के गठनों का जब ब्योरा लिया तो ज्ञात हुआ कि अभी मात्र 3 स्वंय सहायता समूहों का गठन किया गया है लोनिंग हेतु बैंको को पत्रांवलियाॅ प्रस्तुत की गयी है जो विचारा धीन है इन प्रकरणों के मद्दे नजर जिलाधिकारी ने एल0डी0एम0 को दूरभाष पर ही सभी लोनिंग हेतु विचारा धीन फाईलो का निस्तारण कराने का निर्देश दिया है ताकि गठित स्वंय सहायता समूह अपना रोजी रोजगार कर सके। जिलाधिकारी ने खण्ड विकास अधिकारी से जानकारी ली तो ज्ञात हुआ कि यहां पर 32 ग्राम रोजगार सेवक है जिन्हें प्रति माह 3 हजार मानव दिवस सृजित करने है, जब कि मानव दिवस का सृजन कम है इस प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने लक्ष्य के अनुरूप काम न करने वाले ग्राम रोजगार सेवकों के ऊपर कार्यवायी करने का निर्देश दिया है, तद् उपरान्त जिलाधिकारी ने कन्या सुमंगला योजना एवं निःशुल्क बोरिग योजना की भी समीक्षा की तथा ढंग से कार्य करने की सम्बंधित पटल सहायकों एवं अवर अभियंता को हिदायद भी दी। जिलाधिकारी ने कार्यालय की साफ सफाई एवं पत्रांवलियाॅ/अभिलेखों को विशेष रूप से रख रखाव पर बल दिया। जिलाधिकारी ने यह भी कहां कि निकट भविष्य में शासकीय कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया जाएगा। यदि कमी मिली तो निश्चित ही सम्बंधित पटल सहायको के साथ-साथ सम्बंधित विभागीय अधिकारियों पर भी कार्यवायी सुनिश्चित की जाएगी।