काव्य पाठ करती कवियत्री उम्मीदों के सितारों को पलकों पे सजा लूंगी

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ऽ भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी के जन्मोत्सव पर हुआ कवि सम्मेलन
अयोध्या।(आरएनएस) भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी के जन्मदिवस के अवसर पर जीआईसी मैदान में आयोजित विराट कवि सम्मेलन ठण्ड के मौसम में भी गर्म रहा। पूरा पण्डाल भारत माता की जय व जयश्रीराम के नारों से गूंज रहा था। रात में एक बजे के बाद करीब डेढ़ घंटे तक कवि डा हरिओम पवार ने अपनी कविताएं सुनाई। तीन बजने पर भी जनता कविताओ की डिमांड कर रही थी।
वीर रस, श्रंगार व हास्य का समागम कवि सम्मेलन बना। मंच से धारा 370 व सीएए को लेकर हो रही हिंसा का मुद्दा काफी प्रखरता से उठा। कवि सम्मेलन के अंतिम कवि के रुप में डा हरिओम पवार ने अपनी प्रस्तुति की शुरुवात उस कविता से की जिसे उन्होने 90 के दशक में अटल व आड़वाणी को सुनाया था। ''मै घायल घाटी के दिल की धड़कन को गाता हूं।'' कविता ने खूब ताली बटोरी। उन्होने सेना के शौर्य की गाथा सुनाई तो जमकर नारे लगे। भूख से तड़पते बच्चों के दर्द को अपनी कविता के रुप में प्रस्तुत किया तो लोगो की आंखो में आंसू आ गये। इससे पहले मणिरामदास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास, कुलपति डा मनोज दीक्षित व कवि सम्मेलन के आयोजक सांसद लल्लू सिंह, महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने दीप प्रज्जवल करके कार्यक्रम की शुरुवात की।
कवि सम्मेलन की शुरुवात बाल कवि मृगेन्द्र राज से हुई। शिव कुमार व्यास ने अपनी कविता पटेल पत्र की प्रस्तुति की। राजेन्द्र पंडित ने 'मार मार कर पढ़ाने का उस समय कायदा था' व्यंग से लोगो को खूब हंसाया। अमित शर्मा ने 'एक के बदले दस मारे, सावरकर होना मुश्किल है' कविता के माध्यम के कटाक्ष किया। डा भुवन मोहिनी ने 'हो गयी हो गयी रे बांवरिया दुनिया हो गयी रे' कविता के माध्यम से व्यंग प्रस्तुत किया। जमुना प्रसाद उपाध्याय ने 'बरगद है कि पौधो को पनपने नहीं देते', व विनीत चैहान ने लोग टूट जाते है एक घर बनाने में, तुम तरस नहीं खाये बस्तियां जलाने में, काश्मीर के चक्कर में लाहौर कराची दे दोगे जैसे कविताओं की प्रस्तुति से खूब ताली बटोरी। अशोक टाटम्बरी ने नागरिता कानून को लेकर व मनसी दिवेदी अपनी प्रस्तुति 'मीठे मीठे बेर आप चखो, मिल के अभी अभी मै शबरी से आयी हू' से लोगो को भाव विहोर कर दिया। गुरमीत राणा ने यहां तहजीब से रहना पड़ेगा, यहां चम्बल है संसद नहीं है', अभय निर्भीक ने 'सैनिक के चरणो में शीश अपना झुकता हूं'। पद्मिनी शर्मा ने 'उम्मीदों के सितारों को पलकों पे सजा लूंगी', व कुंवर बेचैन ने 'तुमको उचित धु्रव तारा का उदाहरण' कविता से खूब तालियां बटेरी। संचालन प्रियांशु गजेन्द्र ने किया। सभी कवियों को स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्र से सम्मानित किया गया। समापन सांसद लल्लू सिंह ने लोगो को धन्यवाद ज्ञापित करके किया।
इस अवसर पर सहकारी बैंक के सभापित धर्मेन्द्र प्रताप सिंह टिल्लू, महानगर जिलाध्यक्ष अभिषेक मिश्रा, जिलाध्यक्ष अवधेश पाण्डेय बादल, ओम प्रकाश सिंह, महंत मनमोहन दास, कमलाशंकर पाण्डेय, महंत गिरीश पति त्रिपाठी, मवई ब्लाक प्रमुख राजीव तिवारी, सर्वजीत सिंह, शिवकुमार सिंह, व्यापारी नेता सुशील जायसवाल, पूर्व चेयरमैन विजय गुप्ता, आदित्य मिश्रा, पूर्व चेयरमैन अशोक कसौधन, रमेश सिंह, मुन्ना सिंह, गिरीश पाण्डेय डिप्पुल, कृष्ण कुमार पाण्डेय खुन्नू, मनोज श्रीवास्तव, मनमोहन जायसवाल, ब्रहमानंद शुक्ला, कमलेश श्रीवास्तव, दिवाकर सिंह, परमानंद मिश्रा, संजीव सिंह, राधेश्याम त्यागी, विकास सिंह, अभय सिंह, अशोका द्विवेदी, रीना द्विवेदी, स्मृता तिवारी, शेखर जायसवाल, शिवम सिंह, नितिन पाण्डेय, विष्णु प्रताप सिंह, अनूप सिंह रानू सहित प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी रही।