कड़ाके की ठंड से लोग हुए बेहाल




फफूंद/औरैया

      कड़ाके की ठंड औऱ बढ़ती शीतलहर के कारण जहाँ लोग ठिठुरते नज़र आ रहे हैं वहीं इसका असर बाजारों में भी देखने को मिल रहा है शीत लहर के चलते लोग बाजार में भी निकलने में परहेज कर रहे है जिससे दोपहर बाद तक बाज़ार में सन्नाटा पसरा रहता है वहीं लोग सर्दी से निजात पाने के लिए कूड़े के ढेर तथा उसमे पड़े गन्दे कपड़े बीन कर हाथ ताप रहे है व अपने निजी साधनों से व्यवस्था कर तापने का इंतिजाम कर रहे हैं। 

           विगत एक सप्ताह से मौसम के बदले मिजाज़ ने लोगों को देर तक घर के अंदर कैद रहने को मजबूर कर दिया है जिससे बाजार में शामतक सन्नाटा पसरा रहता है वहीं धूप देखने को भी लोग तरस रहे हैं आधा दिन गुज़रने के बाद कुछ देर के लिए हल्की धूप देखने को मिलती है उसका ठंड पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता ऐसा ही कुछ नज़ारा कल देखने को मिला दोपहर दो बजे के बाद लोगों को हल्की धूप से कुछ राहत मिली शाम होते होते कड़ाके की ठंड और शीत लहर का प्रकोप बढ़ा तो चाय की दुकानों पर भी सन्नाटा हो गया लोग अपने घरों में जाकर दुबक गए।ग्रामीण क्षेत्रों में भी शीतलहर तथा कोहरे के कारण किसान खेतों की रखवाली नहीं कर पा रहे हैं खेतों में कीटनाशक के छिड़काव के लिए एवं फसल में पानी लगाने के लिए किसान हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। सर्दी में राहत पाने के लिए मजबूरन अपने निजी साधनों से व्यवस्था कर व कूड़े के ढेर को जलाकर हाथ तापते नजर आ रहे है।वहीं अभी तक किसी भी समाजसेवी द्वारा नगर में अलाव नहीं लगवाया गया जिसका लोगों को इंतजार है।