किसान मसीहा चै0 चरण सिंह की 117वीं जयंती पर किसान हुये सम्मानित


मेरठ। देष के गौरव किसान मसीहा व पूर्व प्रधानमंत्री चै0 चरण सिंह की 117वीं जयंती के अवसर पर कृषि प्रसार परिसर/संयुक्त निदेषक कृषि कार्यालय में किसान सम्मान दिवस समारोह का शुभारम्भ मा0 विधायक सोमेन्द्र तोमर व जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने दीप प्रज्जवलन व चै0 चरण सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया। मा0 विधायक ने कहा कि किसान नई तकनीक को अपनाये। उन्होंने कहा कि चै0 चरण सिंह एक पवित्र आत्मा व किसानों के मसीहा थे। उन्होंने किसानों को देष, प्रदेष व विष्व में पहचान दिलायी। इस अवसर पर किसान मेला प्रदर्षनी में विभिन्न विभागों व कम्पनियों द्वारा स्टाॅल लगाये गये। रबी गोष्ठी हुयी तथा 94 प्रगतिषील किसानों को सम्मानित किया गया। मा0 विधायक मेरठ दक्षिण विधान सभा क्षेत्र सोमेन्द्र तोमर ने कहा कि किसान नई तकनीक व जैविक खेती को अपनाये। उन्होंने कहा कि आज तकनीक ने इतना विकास कर लिया है कि मिट्टी को किस पोषक तत्व की आवष्यकता है इसकी जानकारी हो जाती है तथा उसकी जरूरत के हिसाब से ही पोषक तत्व दिये जाते है। उन्होने सभी किसानो से आहवान किया कि वह अपने खेत की मिट्टी की जांच अवष्य कराये। उन्होने बताया कि प्रदेष की जीडीपी में कृषि का हिस्सा लगभग 23 प्रतिषत है तथा इस क्षेत्र से 68 प्रतिषत आबादी को रोजगार प्राप्त होता है।
उन्होंने कहा कि चै0 चरण सिंह मानते थे कि किसान देष की प्रगति में विषेष सहायक होते है, एक किसान ही है जिसके बल पर देष अपने खाद्यान्नों की खुषहाली को समृद्ध कर सकता हैं, देष में राष्ट्रपिता गाॅधी जी ने भी किसानों को ही देष का सरताज माना था। चै0 चरण सिंह की नीति किसानों व गरीबों को ऊपर उठाने की थी चै0 चरण सिंह का मानना था कि बगैर किसानों को खुषहाल किए देष व प्रदेष का विकास नहीं हो सकता। जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने किसानो से कहा कि वह फसलीचक्र को अपनाये तथा गन्ने की पत्तियों को न जलाये। उन्होंने कहा कि समितियों के पास फसलों के अवषेष के निस्तारण के लिए मषीन उपलब्ध करायी गयी है, वह उसका उपयोग करे। उन्होंने कहा कि कोल्हू में पाॅलिथीन, टायर व चप्पल न जलाये इससे प्रदूषण फैलता है। उन्होंने कहा कि आज का युग सैटेलाईट का युग है इसलिए नियमों का उल्लघंन करने वालो को आसानी से पकडा जा सकता है। इसलिए सभी किसान राष्ट्रीय हरित अधिकरण के दिये गये निर्देषो का पालन करे। उन्होंने कहा कि हम सभी को चै0 चरण सिंह जी के बताये गये मार्ग पर चलना चाहिए। चै0 चरण सिंह जी किसानों के मसीहा थे, उन्होंने देषहित में अनेको कार्य किये। संयुक्त निदेषक कृषि सुनील अग्निहोत्री ने बताया कि चै0 चरण सिंह के जीवनवृत्त पर प्रकाष डालते हुये बताया कि उनका जन्म 23 दिसम्बर 1902 को जनपद हापुड के बाबूगढ़ क्षेत्र के नूरपुर ग्राम में हुआ। उन्होंने मैट्रिकुलेषन की पढ़ाई सरकारी उच्च विद्यालय में की। वर्ष 1923 में 21 वर्ष की आयु में चै0 चरण सिंह ने कला स्नातकोत्तर की परीक्षा उत्तीर्ण की फिर विधि की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने गाजियाबाद में वकालत करना आरम्भ कर दिया। उन्होंने बताया कि चै0 चरण सिंह ने वर्ष 1930 में महात्मा गाॅधी द्वारा सविनय अवज्ञा आंदोलन के तहत नमक कानूलन तोडने का आह्वान पर गाजियाबाद की सीमा पर बहने वाली हिण्डन नदी पर नमक बनाया परिणामस्वरूप चै0 चरण सिंह को 06 माह की सजा हुई। जेल से वापसी के बाद चै0 चरण सिंह ने महात्मा गाॅधी जी के नेतृत्व में स्वयं को पूरी तरह से स्वतंत्रता संग्राम में समर्पित कर दिया। उन्होने बताया कि वर्ष 1940 के व्यक्तिगत सत्याग्रह में भी चै0 चरण सिंह गिरफ्तार हुए फिर अक्टूबर 1941 में मुक्त किये गये। किसानों के लिए लडने वाले चै0 चरण सिंह जी की मेहनत के कारण ही जमींदारी उन्मूलन विधेयक वर्ष 1952 में पारित हो सकता। इच्छाषक्ति के धनी चै0 चरण सिंह ने प्रदेष के 27 हजार पटवारियों के त्यागपत्र को स्वीकृत कर लेखपाल पद का सृजन कर नई भर्ती करायी। केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान मोदीपुरम के प्रमुख वैज्ञानिक डा0 अनुज भटनागर ने बताया कि संस्थान द्वारा आलू की 65 नई प्रजातियां विकसित की है। उन्होंने बताया कि संस्थान द्वारा आलू की कुफरी नीलकण्ठ प्रजाति विकसित की है, जिसमंे कैरोटिनाईटस की मात्रा अधिक होती है, जोकि गाजर में पाया जाता है और स्वास्थ्य के लिए उत्तम है। इस अवसर पर कृषि वैज्ञानिको द्वारा नई तकनीक के बारे में किसानो को बताया गया तथा पेस्टीसाईड व रसायन का उपयोग सोच-समझकर करने के लिए प्रेरित किया गया। इस अवसर पर मा0 विधायक एवं जिलाधिकारी ने जिला कृषि रक्षा अनुभाग, रेषम विकास विभाग, गन्ना विभाग, पषुपालन एवं कृषि तथा कृषि से जुडे अन्य विभाग व कम्पनियों द्वारा लगाये गये स्टाॅलों का निरीक्षण किया। सीडीओ मेरठ ने भी विचार व्यक्त किये।  किसान सम्मान दिवस के अवसर पर कृषि विभाग द्वारा गेहूॅ में अधिक उपज के लिए ब्लाॅक मेरठ के सूर्य प्रषांत सिंह, सरसो में अधिक उपज के लिए ब्लाॅक रोहटा के हरवीर सिंह, धान में अधिक उपज के लिए ब्लाॅक हस्तिनापुर के वीरेन्द्र सिंह व उर्द में अधिक उपज के लिए ब्लाॅक रजपुरा के किरनपाल सिंह को प्रथम पुरस्कार के अंतर्गत 07-07 हजार रू0 पुरस्कार की राषि, शाॅल व प्रषस्ति पत्र दिया गया। गन्ना विभाग, पषुपालन व उद्यान विभाग के द्वारा 04-04 किसानों को अधिक उपज व बेहतर कार्य के लिए जनपद स्तर पर प्रथम पुरस्कार के अंतर्गत 07-07 हजार रू0 पुरस्कार की राषि, शाॅल व प्रषस्ति पत्र दिया गया। कृषि विभाग, गन्ना, पषुपालन व उद्यान विभाग द्वारा 04-04 किसानों को बेहतर उपज व कार्य के लिए जनपद स्तर पर द्वितीय पुरस्कार के अंतर्गत 05-05 हजार रू0 पुरस्कार की राषि, शाॅल व प्रषस्ति पत्र दिया गया। विकासखंड स्तर पर कृषि विभाग द्वारा 12, गन्ना विभाग द्वारा 13, पषुपालन विभाग द्वारा 11 व उद्यान विभाग द्वारा 12, मत्स्य विभाग द्वारा 04, रेषम विभाग द्वारा 02, कृषि विज्ञान केन्द्र हस्तिनापुर द्वारा 04 व डेयरी विभाग द्वारा 04 प्रगतिषील कृषको को विकास खंड स्तर पर प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया, उन्हें रू0 दो हजार पुरस्कार राषि, शाॅल व प्रषस्ति पत्र दिया गया। इस अवसर पर सीडीओ मेरठ ईषा दुहन, उप कृषि निदेषक ब्रजेष चन्द्र, कृषि निदेषक शोध वीरेन्द्र कुमार, जीएम पराग डेयरी डा0 अषोक बालियान, कृषि विज्ञान केन्द्र हस्तिनापुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 वीरेन्द्र पाल गंगवार, जिला गन्ना अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी व बडी संख्या में प्रगतिषील किसान उपस्थित रहे।