लंबे समय तक डायट ड्रिंक्स के सेवन से डाइप-2 डायबीटीज का खतरा


जो लोग शुगर फ्री बताए जानेवाले स्वीटर्स का सेवन बड़ी मात्रा में यह सोचकर कर रहे हैं कि इससे उन्हें डायबीटीज नहीं होगी और फैट भी नहीं बढ़ेगा तो इस ताजा स्टडी से उन्हें धक्का लग सकता है। क्योंकि शोधकर्ताओं के अनुसार, आर्टिफिशल शुगर टाइप-2 डायबीटीज का कारण बन सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आर्टिफिशल स्वीटनर्स गट बैक्टीरिया को चेंज कर देते हैं, जो तेजी से वजन बढऩे का कारण बनता है और यह स्थिति टाइप-2 डायबीटीज को लीड करती है। शुगर ड्रिंक पीनेवाले लोगों को शुरुआत में वेट लॉस ड्रिंक्स का सेवन करके जरूर विन-विन सिचुएशन फील हो सकती है यानी वे बहुत अच्छा फील कर सकते हैं। लेकिन अगर इसके प्रभाव को लंबे समय तक देखा जाए तो रिजल्ट खुशी देनेवाले नहीं हैं।
यह शोध बोस्टन कॉलेज के सायंटिस्ट्स द्वारा किया गया। इन्होंने स्टडी में पाया कि चीनी की जगह इस्तेमाल किए जानेवाले वैकल्पिक स्वीटनर्स लंबे समय तक यूज करने से ब्लड वेसल्स पर बुरा असर पड़ता है। आगे चलकर यह स्थिति ब्रेन स्ट्रोक और डिमेंशिया का कारण बनती है। अपने शोध में टीम ने आर्टिफिशल स्वीटनर्स सैकेरिन, स्टीविओसाइड, साइक्लामेट, एस्पार्टेम, एसेसफ्लेम-के, सुक्रालोज, नीमोट और आउपरमे का अध्ययन किया।
स्टडी के अनुसार, पिछले 20 साल में युवाओं के बीच आर्टिफिशल स्वीटनर्स का उपयोग 200 प्रतिशत तक बढ़ा है। वहीं 54 प्रतिशत वयस्कों ने इसे अपनी डायट में शामिल किया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस तरह के स्वीटर्नस का इस्तेमाल करने से बेहतर है कि अच्छी डायट ली जाए, जिसमें प्लांट डायट, साबुत अनाज, डेयरी प्रोडक्ट्स, सी-फूड शामिल होने चाहिए।