राहुल गांधी व प्रियंका गांधी को परतापुर से वापस भेजा

मेरठ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा के बिजनौर दौरे के बाद मेरठ पहुंचने की चर्चा पर पुलिस प्रशासन चौकन्ना हो गया। अचानक शहर के लिसाड़ीगेट क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस फोर्स लगा दिया गया। बताया गया कि प्रियंका और राहुल गांधी यहां पहुंचकर बवाल में मारे गए मृतकों के परिजनों से मुलाकात करने पहुंचे थे लेकिन उन्हें रास्ते में ही रोक दिया गया।
मेरठ के लिसाड़ी गेट में जाने से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को पुलिस ने दिल्ली-मेरठ हाइवे स्थित परतापुर थाने के पास ही रोक दिया था। हालांकि दोनों ने कहा कि हम लिसाड़ी गेट में उन 5 लोगों के घर जाना चाह रहे हैं जिनके बच्चे इस इस बवाल में मरे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि हमें कोई आर्डर की कॉपी नही दिखाई गई और वापस भेजा गया।
बतादे कि दिल्ली से मेरठ पहुंचे राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के काफिले को रोकने के लिए परतापुर के मोहद्दीनपुर चौकी के सामने पहले से ही भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। सीओ ब्रह्मपुरी और परतापुर पुलिस मोहद्दीनपुर चौकी पर प्रियंका-राहुल के काफिला रोकने में कामयाब रहे और दोनों नेताओं ने मेरठ शहर में प्रवेश नहीं करने दिया गया। उधर, प्रियंका और राहुल के मेरठ आने की सूचना पर सहारनपुर से कांग्रेस नेता इमरान मसूद भी लिसाड़ी गेट पहुंच गए। उन्होंने मृतकों के परिजनों से मिलकर उन्हें सात्वंना दी।
कांग्रेस लीडर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मंगलवार दोपहर को मेरठ पहुंचकर शुक्रवार को नागरिकता कानून के विरोध में हुए बवाल में मारे गए आसिफ पुत्र शाहिद निवासी ऊंचा सद्दीक नगर, जहीर पुत्र मुंशी निवासी रशीदनगर, मोहसिन पुत्र अहसान निवासी भूमिया का पुल के घर पहुंचकर परिजनों से मुलाकात करने के लिए आ रहे थे। लेकिन प्रशासन ने उन्हें वापस भेज दिया।
दर्द बांंटने आए थेे  
इमरान मसूद ने कहा कि हम हंगामा खड़ा करने नहीं आए थे। पीडि़तों को न्याय दिलाने और दर्द बांटने आए थे। दो दिन बाद राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा दोबारा आएंगे। कहा कि परतापुर पर रोके जाने के बाद परिजनो से प्रियंका वाड्रा ने फोन पर बात की है।