अयोध्या। आतंक का राज बन्द करने, बेगुनाहों का बर्बर दमन और पुलिस ज्यादतियां बन्द करने, पुलिस एवं सशस्त्र बलों द्वारा हुई हिंसा की घटनाओं एवं मौतों की न्यायिक जांच कराने, गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों को अविलंब रिहा करने और संविधान विरोधी एवं विभाजनकारी नागरिकता संशोधन कानून को रद्द करने तथा एन पी आर एवं एन आर सी योजना को निरस्त करने आदि मांगों को लेकर आज वामदलों के देशव्यापी आह्वान पर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से कहा गया कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून, एन आर सी के खिलाफ चल रहे शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक विरोध को दबाने के लिए चौतरफा हमला बोल दिया है। अभी तक 20 से ज्यादा लोग पुलिस की हिंसा में मारे जा चुके हैं। यहां तक कि पुलिस थानों में नाबालिगों को यातनाएं देने की चिंताजनक खबरें आ रही हैं। ऐसे वीडियो प्रमाण मिल रहे हैं जिसमें पुलिस मुस्लिमों को भद्दी साम्प्रदायिक गालियां व जान से मारने की धमकियां दे रही हैं और उनके घरों में लूटपाट व तोड़फोड़ कर रही हैं। बेगुनाहों को झूंठे अपराधों में फंसाया जा रहा है। वामदलों, मानवाधिकार संगठनों और विरोध में शामिल हो रहे आम नागरिकों को गिरफ्तार कर जेलों में डाला जा रहा है।
योगी सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए दमनात्मक कार्यवाहियों के जरिए विरोध के स्वर को दबाकर जनता के संवैधानिक अधिकार को छीन लेना चाहती है। लेकिन झारखण्ड की तरह उत्तर प्रदेश की जनता भी इनके विभाजनकारी एजेंडे को कभी स्वीकार नहीं करेगी और आने वाले समय में इन्हें सबक सिखाएगी। इस अवसर पर भाकपा राज्य काउन्सिल सदस्य अशोक कुमार तिवारी ने कहा कि मोदी शाह का एक के बाद एक झूंठ व उत्तर प्रदेश में योगी सरकार का मुस्लिमों पर एकतरफा बर्बर दमन 2002 के गुजरात की पुनरावृत्ति की तरफ बढ़ता लग रहा है। भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब पर मंडराता यह संकट बहुत ही खौफनाक है, जिसका मुकाबला व्यापक जन एकता से ही किया जा सकता है। प्रतिनिधि मण्डल में भाकपा राज्य काउन्सिल सदस्य अशोक कुमार तिवारी, भाकपा (माले) राज्य कमेटी सदस्य राम भरोस, जिला प्रभारी अतीक अहमद, माकपा जिला कमेटी सदस्य सीता राम वर्मा, अशोक यादव, उमाकांत विश्वकर्मा, आफाक उल्ला, एस एन बागी, आशीष कुमार, जगदम्बा दूबे, सत्यप्रकाश सिंह, रमेश गौड़, राम सहाय यादव आदि नेतागण शामिल रहे।
वामदलों ने राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा