विस्तार से बताया कथा व्यास दीक्षा ने भागवत का महत्व 


उन्नाव। स्थानीय भरत मिलाप मैदान के निकट गिरिजाबाग स्थित सुनील चंद्र श्रीवास्तव एडवोकेट के आवास परिसर में गत दिवस कलश यात्रा के पश्चात साप्ताहिक श्रीमद भागवत कथा का शुभारंभ कथा व्यास देवी दीक्षा अवस्थी द्वारा श्रीमद भागवत पोथी पूजन व आरती के पश्चात किया गया। वृन्दावन धाम से आयी कथा व्यास दीक्षा ने कथा के द्वितीय दिवस भागवत महात्म्य में भागवत का अर्थ भागवत का विग्रह भाव के साथ भागवत में क्या है विषयों पर प्रकाश डाला। इसके पश्चात यमुना तट वृन्दावन में बैठी तरुण भक्ति तथा उसके वृद्ध हो गये दो पुत्र के तरुण होने हेतु देवर्षि नारद के आग्रह पर शनकादि ऋषियों ने श्रीमद भागवत चतुरलोकी की कथा सुनाई। कथा सुनने के बाद ज्ञान और वैराग्य भी तरुण हो गया। वहीं व्यास ने भागवत श्रवण के माहात्म्य को बताते हुए आत्मदेव की कथा सुनाते हुए कहा कि पापी धुन्धकारी जो अपने बुरे कर्मो के कारण प्रेम योनि में चला गया था जिसे गोकर्ण ने भागवत कथा का श्रवण कराकर स्वर्ग से ऊंचे बैकुण्ठ धाम की प्राप्ति करायी।