आतंकी जलीस के ठिकानों का पता करने में जुटी एटीएस
तराई क्षेत्रों से लेकर नेपाल तक फैला है आतंकी का नेटवर्क
कानपुर।(आरएनएस ) इंडियन मुजाहिदीन से ताल्लुक रखने वाला आतंकी जलीस का जाल यूपी के तराई क्षेत्रों से लेकर नेपाल तक फैला है। यही वजह रही कि वह नेपाल भागने की फिराक में था। एटीएस सूत्रों के अनुसार आतंकी जलीस नेपाल में बैठकर यहां पर आतंकी हमला कराने के लिए लखीमपुर,पीलीभीत और बहराइच के नेटवर्क का इस्तेमाल करने वाला था।
नेपाल से सटे यूपी के क्षेत्र अपराधियों के गढ़ माने जाते हैं। आतंकियों ने भी इसीलिए इन क्षेत्रों में अपने ठिकाने बना लिए हैं। एटीएस सभी ठिकानों का पता लगाने में जुटी है।
खुरासान माड्यूल के आतंकी कानपुर निवासी गौस मोहम्मद और मूल रूप से असम के रहने वाले कमरुज्जमा से तिहाड़ जेल में पूछताछ चल रही है। साथ ही 1993 के धमाकों में जलीस का साथ देने वाले राशिद,अल्वी और पीटर पता कर रही हैं कि वे किस जेल में बंद हैं। इनसे भी पूछताछ की जाएगी।
खुरासान माड्यूल के आतंकी कानपुर निवासी गौस मोहम्मद और मूल रूप से असम के रहने वाले कमरुज्जमा से तिहाड़ जेल में पूछताछ चल रही है। साथ ही 1993 के धमाकों में जलीस का साथ देने वाले राशिद,अल्वी और पीटर पता कर रही हैं कि वे किस जेल में बंद हैं। इनसे भी पूछताछ की जाएगी।
आतंकी के मोबाइल में मिले नंबरों की होगी पड़ताल
मुंबई के सीरियल बम धमाकों में शामिल आतंकी डॉ. मोहम्मद जलीस अंसारी के मोबाइल में मिले नंबरों की पड़ताल में जुटी है,ताकि कानपुर,लखनऊ व यूपी के अन्य शहरों में उसके कनेक्शन का पता लगाया जा सके। शनिवार को एटीएस मुंबई की टीम ट्रांजिट रिमांड पर जलीस को लेकर मुंबई रवाना हो गई।
जलीस ने बताया कि वह बम बनाने की नई तकनीक भी जानता है। अब वह बाजार में आसानी से उपलब्ध होने वाले उपकरणों व केमिकल की मदद से बम बनाने वाला था ताकि बम बेचकर वो पैसा इकट्ठा कर सके। नेपाल जाकर वह इसी काम को करने वाला था, इसीलिए फंड की जरूरत थी।
जलीस ने बताया कि वह बम बनाने की नई तकनीक भी जानता है। अब वह बाजार में आसानी से उपलब्ध होने वाले उपकरणों व केमिकल की मदद से बम बनाने वाला था ताकि बम बेचकर वो पैसा इकट्ठा कर सके। नेपाल जाकर वह इसी काम को करने वाला था, इसीलिए फंड की जरूरत थी।