भारत की नई पीढ़ी की चमकीली रोजगार संभावनाओं

 भारत की नई पीढ़ी की चमकीली रोजगार संभावनाओं से संबंधित रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि वर्ष 2020 से शुरू होकर आगामी एक दशक तक नई विश्व अर्थव्यवस्था में भारतीय प्रतिभाओं और भारतीय प्रवासियों की भूमिका अहम होती हुई दिखाई देगी। दुनिया के प्रसिद्ध ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्रियों ने गहन शोध अध्ययन के बाद अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दुनिया में अगले दस वर्षों में प्रतिभाशाली वर्ग (टैलेंट पूल) में 7.3 फीसदी वृद्धि के साथ भारत दुनिया में पहले क्रम पर होगा। अमेरिकी सरकार के राष्ट्रीय खुफिया निदेशक कार्यालय की ग्लोबल ट्रेंड 2030 रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत प्रोफेशनल्स के सहारे वर्ष 2030 तक विश्व की बड़ी आर्थिक ताकत बनकर उभर सकता है।
इसी तरह मानव संसाधन परामर्श संगठन कॉर्न फेरी की रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां दुनिया में 2030 तक कुशल कामगारों का संकट होगा, वहीं भारत के पास 24.5 करोड़ अतिरिक्त कुशल कामगार होंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक दुनिया के 19 विकसित और विकासशील देशों में 8.52 करोड़ कुशल श्रमशक्ति की कमी होगी। ऐसे में दुनिया में भारत इकलौता देश होगा, जिसके पास 2030 तक जरूरत से ज्यादा कुशल कामगार होंगे। भारत ऐसे में विश्व के तमाम देशों में कुशल कामगारों को भेजकर फायदा उठा सकेगा।
जहां भारत की प्रतिभाएं अच्छे रोजगार के साथ देश को आर्थिक मजबूती देगी, वहीं विदेशों में भी भारत की प्रतिभाओं को प्रवासी भारतीयों का साथ बढ़ता जाएगा। ज्ञातव्य है कि प्रवासी भारतीय दुनिया के कोने-कोने में अपनी पहचान को ऊंचाई पर पहुंचाते हुए भारत का मान बढ़ाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसमें कोई दो मत नहीं है कि विदेशों में रह रहे भारतीय कारोबारियों, वैज्ञानिकों, तकनीकी विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और उद्योगपतियों की प्रभावी भूमिका दुनिया के विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्थाओं में सराही जा रही है।
गौरतलब है कि नये वर्ष 2020 में नई पीढ़ी को प्रवासियों से सहयोग की संभावनाएं इसलिए साकार हो सकती हैं, क्योंकि प्रवासियों का भारत के प्रति स्नेह व सहयोग का भाव लगातार बढ़ता जा रहा है। ज्ञातव्य है कि भारतीय प्रवासी भारत के विकास में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) की संस्था इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (आयओएम) की रिपोर्ट 2019 के मुताबिक विदेश से अपने देश में धन भेजने के मामले में भारतीय प्रवासी एक बार फिर सबसे आगे रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वर्ष 2018 में प्रवासी भारतीयों ने 79 अरब डॉलर (करीब 5.5 लाख करोड़ रुपए) की राशि स्वदेश भेजी है। भारत के बाद चीन का नंबर आता है। वर्ष 2020 में प्रवासी भारतीयों से बीते हुए वर्ष 2019 की तुलना में अधिक विदेशी मुद्रा भारत भेजे जाने की संभावना बताई जा रही है और इससे देश में रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे।