ज्ञानदीप में कुछ इस तरह देखा बच्चों ने प्रधानमंत्री का कार्यक्रम

शिक्षण संस्थाओं के छात्र छात्राओं द्वारा सराहा गया।
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत का उज्ज्वल भविष्य की युवा पीढी के हाथ में है तथा धैर्य, लगन व परिश्रम से प्रत्येक लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। चन्द्रयान-ं2 का उदाहरण पेश करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि विफलता का मतलब है कि सफलता की राह पर अग्रसर होना। छात्र छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने बताया कि सकारात्मक सोच के साथ विफलताओं पर विजय प्राप्त की जा सकती है। एक संकल्प विषम परिस्थितियों से बाहर निकाल सकता है। इस अवसर पर उन्होंने छात्र-छात्राओं द्वारा पूछे गये प्रश्नों के बेबाकी से उत्तर देते हुए बताया कि टैक्नोलॉजी में से समय काटकर घर के सदस्यों को समय दें। पाठ्य सहगामी क्रियाओं का महत्व बताते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि इनके अभाव में व्यक्ति रोबोट बन जाता है। रतनलाल फूलकटोरी देवी  विद्यालय की प्रधानाचार्या डा. नीता सिंह ने छात्राओं को इस कार्यक्रम से सीख लेने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण उपप्रधानाचार्या ममता जैन, रमा चतुर्वेदी, रेखा गुप्ता एवं विद्यालय के समस्त आचार्या बहिनों एवं बन्धुओं ने भी देखा और सराहना की। वहीं ज्ञानदपी में भी आडीटोरियम मंे बच्चों ने कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा, अमरनाथ विद्याआश्रम आदि विद्यालयों में भी कार्यक्रम देखा गया।