हिंसा के मृतकों के परिजनों से मिले चंद्रशेखर  एनआरसी व सीएए को लेकर नहीं बैठेंगे चुप- रावण



मेरठ।(आरएनएस ) भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने रविवार को मेरठ पहुंचकर 20 दिसंबर को एनआरसी और सीएए के विरोध में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने मृतकों के पजिरजनों को सांत्वना दी और कहा कि वे पीडि़तों को इंसाफ दिलाने के लिए कोर्ट जाएंगे।
 भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने कहा कि मेरठ में 20 दिसंबर को जो हुआ वह बेहद भयानक था। उन्होंने मुजफ्फरनगर और मेरठ के एसएसपी पर सीधे तौर पर सिर में गोलियां मारकर हत्या करने का आरोप लगाया। इससे पहले शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि एनआरसी और सीएए को लेकर चुप नहीं बैठेंगे। इसके खिलाफ हमारा आंदोलन जारी रहेगा। इसके साथ ही प्रदर्शन के दौरान यूपी में जिन लोगों की हत्याएं हुई हैं और जो पीडि़त हैं, उनको इंसाफ दिलाने को भीम आर्मी कोर्ट जाएगी।  चंद्रशेखर ने रविवार को मेरठ के इरा गार्डन में पहुंचकर हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार वालों से बात की। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि उन्हें पीडि़तों के घर पर जाने से मना कर दिया। जिसके बाद वे एक अन्य स्थान पर परिवार वालों से मिले हैं। परिवारवालों ने जो मुझे बताया है, उससे स्पष्ट है कि यहां पर हिटलरशाही चल रही है।चंद्रशेखर ने कहा कि हिंसा के दौरान ज्यादातर लोगों की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है। गोली सिर में लगी हैं। हम इस मामले में हाईकोर्ट में गए हैं। 23 जनवरी को इस मामले में हाई कोर्ट में बहस होनी है। लोगों की हत्या करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। लोकतंत्र है यहां पर सब को अपनी बात रखने का अधिकार है। लेकिन लोकतंत्र के नाम पर किसी के सिर में गोली नहीं लग सकती।चंद्रशेखर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ऐसी स्थिति बाबरी विध्वंस और 370 कानून के वक्त भी नहीं बनी। नागरिकता कानून को लेकर प्रदेशभर में हिंसा के दौरान मारे गए लोगों से स्पष्ट है कि सरकार की मंशा गलत थी।
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने एनआरसी को मुल्क के लिए काला कानून बताया। कहा कि इस कानून से मुल्क की एकता अखंडता और गंगा जमुनी तहजीब खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इस कानून को तत्काल वापस लें।इससे पहले दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट से जमानत पर छूटकर आए भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने छुटमलपुर स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि हमारा आंदोलन जारी रहेगा। केंद्र की भाजपा सरकार गंगा-जमुनी तहजीब को खत्म करना चाहती है। उन्होंने कहा कि एनआरसी और सीएए को लेकर सरकार के सहयोगी दल भी विरोध कर रहे हैं। वह जेल में बंद थे। उत्तर प्रदेश में भी विरोध करने वाले लोगों को प्रताडि़त किया गया है। इसके लिए जो लोग भी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ हम कोर्ट में जाएंगे और पीडि़तों की हर संभव मदद की जाएगी। भीम आर्मी पीडि़तों को न्याय दिलाने को पूरा खर्चा उठाएगी।उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि हिंसा में मारे गए मृतकों के परिवार वालों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी नहीं दी गई यह सरासर नाइंसाफी है। इस मौके पर उनके साथ सेवा समिति अध्यक्ष बदर अली भी मौजूद रहे। वहीं पुलिस ने धारा 144 लागू होने पर उन्हें नोटिस भी तामील कराया।उन्होंने कहा कि सीएए और एनआरसी को लेकर सरकार लोगों को भ्रमित कर रही है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कानून सबके लिए एक है, जब बीजेपी को समर्थन में रैली करने की इजाजत मिलती है तो फिर उन्हें एनआरसी के बारे में लोगों को बताने की इजाजत उन्हें क्यों नहीं दी जाती।