जीवन से करिए प्यारपल्लवी सक्सेनाजि़न्दगी से प्यार किसे नहीं होता, लेकिन हमने ही न जाने क्यों जि़न्दगी से यह कहना छोड़ दिया कि लव यू जि़न्दगी। कहना इसलिये कि हमारी-आपकी हम सभी की जिंदगी हमसे रूठती चली गयी और हमें पता भी ना चला। तभी तो हम उसकी बोरियत से बचने के लिये मोबाइल नामक खिलौने से खेलना सीख गए। अब मोबाइल पर बच्चों द्वारा खेले जाने वाले खेलों को ही ले लो। अधिकतर ऐसे खेल मिलेंगे, जिसमें हार जाने पर बदला लेने की प्रेरणा मिलती हो। इतना ही नहीं, खेल के मध्य आने वाले विज्ञापनों में भी ऐसे ही खेलों का प्रचार-प्रसार मिलता है। इसलिए कई खेलों पर पाबंदी भी लगायी जा चुकी है। मुझे नहीं पता कि दिखाए जाने वाले वीडियो में कितनी सच्चाई होती है। किंतु यदि उस विषय को एक पल के लिए भी सच मान लिया जाए तो परिणाम बहुत भयावह हो सकते हैं। अब वीडियो की बात निकली है तो मैंने एक वीडियो देखा था, जिसमें एक बच्चा अपने हाथ में टेब लिए लडख़ड़ा कर चल रहा है क्योंकि उसके दिमाग पर खेलों का ऐसा प्रभाव पड़ा कि वह आभासी और सच्ची दुनिया में फर्क करना ही भूल गया। असल में यह खेल होते ही ऐसे हैं, जिन्हें खेलते-खेलते बच्चा खुद अपने आप को उस खेल की दुनिया से इस कदर जोड़ लेता है कि उसका दिमाग उसके वश में नहीं रह पाता और तब उसके माता-पिता उस दिन को कोसने लगते हैं जब उन्होंने खुद, अपने बच्चे के हाथ में मोबाइल दिया था।
पर तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। इसका एकमात्र यही उपचार है कि हम उन्हें जितना हो सके, बाहर खेलने जाने के लिए प्रोत्साहित करें। चाहे हमें स्वयं ही उनके साथ क्यों ना जाना पड़े। उसके साथ खेलें और खुशी से कहें-लव यू जि़न्दगी। अभी कुछ दिनों पहले तीन दोस्त खेलने गांव के एक आम के बाग में गए। एक ने आम तोड़े, दूजे ने बटोरे। अब बटोरने वाला बच्चा केवल 5 साल का था, उसने बटोरते-बटोरते कुछ एक आम खा लिए। सोचने वाली बात यह है कि आम तोडऩे वाला बच्चा कितना बड़ा होगा और बटोरने वाला तो पहले ही बहुत छोटा था। कितने आम खा पाया होगा कि तोडऩे वाले बच्चे को उस पर इतना गुस्सा आया कि उस बच्चे ने आम खाने वाले बच्चे की पेचकस से आंखें फोड़ दीं। अब इस घटना के लिए किसे जि़म्मेदार ठहराएंगे आप? दोस्तों अपने बच्चों का बचपन बचा लीजिये। उन्हें इस खतरनाक गेजेट से जितना संभव हो, दूर रखें और मंत्र दें 'लव यू जि़न्दगी।Ó जीवन से प्यार करो, खुल कर जियो। घर में बैठकर समय बरबाद करने से अच्छा है बाहर निकलकर खेलो-कूदो-मस्ती करो।
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