जिला कलेक्‍ट्रेट में मास्‍टर रजिस्‍टर बताएगा हर एप्‍लीकेशन का स्‍टेटस

जिला कलेक्‍ट्रेट में मास्‍टर रजिस्‍टर बताएगा हर एप्‍लीकेशन का स्‍टेटस-    कई पटलों पर एप्‍लीकेशन ट्रैक करने में अधिकारियों के छूट रहे पसीने-    एडीएम पश्चिम और सिटी मजिस्‍ट्रेट की औचक जांच में कई खामियां उजागर


लखनऊ.(आरएनएस ) डिजिटल इंडिया के जमाने में हर तरफ बंडलों में बंधे प्रार्थनापत्र..... डाक रजिस्‍टर पर उनकी वास्‍तविक स्थिति के अंकन का अभाव। कुछ ऐसा ही नजारा गुरूवार को जिला कलेक्‍ट्रेट में उस समय नजर आया, जब सिटी मजिस्‍ट्रेट सुशील प्रताप सिंह और अपर जिलाधिकारी (पश्चिम) संतोष वैश्‍य ने कमरा नंबर 29 में औचक निरीक्षण किया। उनके कागजात और रजिस्‍टर मांगने पर कई पटलों के कर्मचारी बगलें झांकते नजर आए। इस पर उन्‍होंने कर्मचारियों को कार्य व्‍यवहार बेहतर करने के साथ-साथ एक ऐसा मास्‍टर रजिस्‍टर तैयार करने के निर्देश दिए, जिसमें कलेक्‍ट्रेट आने वाले हर प्रार्थना पत्र की स्थिति स्‍पष्‍ट तौर पर मय दिनांक अंकित हो। जिससे जब भी किसी प्रार्थना पत्र, सत्‍यापन रिपोर्ट, जांच या अन्‍य किसी भी डाक्‍यूमेंट को ट्रेस करना हो तो आसानी से रजिस्‍टर देखकर उसकी वास्‍तविक स्थिति का पता लगाया जा सके।


जल्‍द डिजिटलीकरण की ओर बढ़ेगा कलेक्‍ट्रेट: सिटी मजिस्‍ट्रेट


जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के निर्देशों के क्रम में सिटी मजिस्‍ट्रेट एसपी सिंह और अपर जिलाधिकारी संतोष कुमार वैश्‍य ने कलेक्‍ट्रेट के कमरा नंबर 29 का औचक निरीक्षण किया। वहां उन्‍होंने जनसामान्‍य से जुड़े पटलों से संबंधित रजिस्‍टर देखे, उसमें कई प्रार्थना पत्रों की वास्‍तविक स्थिति अंकित नहीं मिली। इतना ही नहीं कर्मचारी अधिकारियों को अपने पटल की डाक का संपूर्ण ब्‍यौरा भी नहीं बता सके। कर्मचारी बंडलों के फेर में फंसे नजर आए। इस पर उन्‍होंने मातहतों के पेंच कसे।


सिटी मजिस्‍ट्रेट सुशील प्रताप सिंह ने बताया कि हमने कर्मचारियों को एक मास्‍टर रजिस्‍टर तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस मास्‍टर रजिस्‍टर में प्रार्थना पत्र देने वाले का नाम, तिथि व तत्‍कालिक स्थिति स्‍पष्‍ट रूप से अंकित होगी। इस मास्‍टर रजिस्‍टर में सत्‍यापन कार्यों से लेकर लंबित जांचों की वस्‍तु स्थिति का ब्‍यौरा होगा। अगर जांच किसी स्‍तर पर लंबित है तो संबंधित अधिकारी का विवरण भी उसमें दर्ज होगा। हमारा प्रयास है कि आगे चलकर इस मास्‍टर रजिस्‍टर के डिजिटलीकरण के लिए उचित कदम उठाए जाएं।


एडीएम पश्चिम संतोष वैश्‍य ने बताया कि कुल 11 पटलों की जांच की गई है, इनमें से जिन पटलों पर कुछ खामियां मिली हैं, उन्‍हें दुरूस्‍त करने के लिए मातहतों को कहा गया है।


बॉक्‍स-


कर्मचारियों ने रोया स्‍टेशनरी का रोना


एडीएम पश्चिम और सिटी मजिस्‍ट्रेट ने जांच के दौरान जब पटल रजिस्‍टर के अपडेट न होने पर मातहतों के पेंच कसने शुरू किए, तो पटल कर्मचारियों ने अधिकारियों के आगे रजिस्‍टर आदि स्‍टेशनरी का सामान न होने का रोना रोया। ऐसे में उन्‍होंने कर्मचारियों को तत्‍काल रजिस्‍टर उपलब्‍ध कराने के निर्देश दिए।


--------------------------------