-जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र, एसएसपी शलभ माथुर को ज्ञापन सौंपते बल्देव के मौहल्ला रीढा के ग्रामीण।

फिर डीएम, एसएसपी से मिले बल्देव के लोग, मकान नहीं तोडने की लगाई गुहार
मथुरा। (आरएनएस )बल्देव के रीडा मौहल्ला के लोग मंगलवार को एक बार फिर जिलाधिकारी और एसएसपी से मिले। इन लोगों ने आलाधिकारियों से गुहार लगाई कि उनके मकानों को फिलहाल नहीं तोडा जाए। जिलाधिकारी ने किसी भी गरीब के साथ अन्याय नहीं होने का आश्वासन देकर एसडीएम महावन के पास भेज दिया। डीएम सर्वज्ञराम मिश्र ने फरियादियों के सामने ही एसडीएम महावन से बात की। इसके बाद संतुष्ट होकर सभी लोग एसडीएम महावन हनुमान प्रसाद के पास पहुंचे और अपने कागजात तथा मजबूरी बताई। सामाजिक कार्यकर्ता विनेश सनवाल ने बताया कि एसडीएम ने फिलहाल कार्यवाही नहीं करने का आश्वासन दिया है। ज्ञात हो कि कोर्ट के आदेश पर गांव रीढा कालोनी में बडी संख्या में मकानों को तोडा जा रहा है। यह जमीनी विवाद था, जिसमें कोर्ट के आदेश पर एक पक्ष को कब्जा मिला है। प्रशासन कोर्ट के आदेश का पालन कर रहा है। विरोध कर रहे लोगों ने अपनी तरफ से कानूनी कार्यवाही के लिए कुछ दिन का समय मांगा है।  
   बेघरों को घर देने की मुहिम में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पांच परिवारों को 2.5 लाख रूपये की मदद देकर पक्के मकान मुहैया कराये गये थे। अभी इन मकानों को बने तीन साल भी पूरे नहीं हुए हैं कि नगर पंचायत ने इन्हें तोडने के लिए नोटिस भेज दिये हैं। जिन मकानों को तोडा जाना है वह करीब कई दर्जन हैं लेकिन इन में पांच मकान ऐसे हैं जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन कर तैयार हुए हैं। इस बीच नगर पंचायत इन लोगों से गृहकर की वसूली करती रही। विद्युत विभाग ने कनेक्शन जारी कर दिये और बिल की वसूली करता रहा। वर्ष 2019 में नगर पंचायत बल्देव की ओर से इन मकानों को ध्वस्त किये जाने के नोटिस जारी कर दिये। तभी से ये लोग लगातार अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। मधु ने बताया कि हम झौंपडी में रहते थे। हमारे पास कोई मकान नहीं था। करीब तीन साल पहले हमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2.5 लाख रूपये की मदद मिली और पक्का मकान नशीब हुआ लेकिन यह खुशी ज्यादा दिन नहीं टिक सकी, पिछले साल ही नगर पंचायत ने नोटिस भेज दिये कि इन मकानों को तोडा जाएगा। जब मकान तोडने ही थे तो बनवाये क्यों थे, क्या जिम्मेदार लोगों को पहले नहीं पता था कि यह जमीन पौखर की है। सरकारी सहायत से पौखर की जमीन पर मकान कैसे बन गये। गलत हुई है पैमाइशः बसंतीबसंती ने बताया कि तीन पीढी से हम यहां रह रहे हैं। पौखर होने की बात गलत है। पास में ही करीब एक बीघा की पौखर है। जमीन की गलत पैमाईश हुई है। जानबूझ कर कुछ लोग हमें परेशान कर रहे हैं। जिसने पोखर पर कब्जा किया है वही लोग नगर पंचायत के साथ मिल कर यह कारगुजारी कर रहे हैं। दौबारा पैमाईश होनी चाहिए।
 इस दौरान प्रमुख रुप से स्थानीय क्षेत्र रीढा निवासी सर्व श्री ओम प्रकाश दिवाकर, गुडडू दिवाकर, सरोज देवी दिवाकर, मोमन दिवाकर, रिकी दिवाकर, प्रेमा दिवाकर, टीटू दिवाकर, मधू दिवाकर, सीताराम दिवाकर, गीता देवी दिवाकर, अतर देवी, किरण देवी, गुडडा देवी, पातीराम दिवाकर, दिनेश दिवाकर, सरोज देवी, नूतन देवी, अशोक दिवाकर, बलबीर दिवाकर, सर्वेश दिवाकर, लालवंती दिवाकर, चंद्रहारी दिवाकर, मदन दिवाकर, सुनीता देवी, विककी दिवाकर, आशीष दिवाकर, मनन दिवाकर, सुनील दिवाकर, कटन दिवाकर, निरंजन दिवाकर, देव दिवाकर, काजल देवी, रोहताश दिवाकर, हरिकेश दिवाकर, कमलेश देवी, कविता देवी, देव दिवाकर, रामू दिवाकर, दाउजी दिवाकर, श्रीकृष्ण दिवाकर, बबलू दिवाकर, वीरेद्र दिवाकर, अमन दिवाकर, राजकुमारी देवी, विनिता देवी, गिराज सिह, महादेव दिवाकर, सुमीत दिवाकर रितेश सनवाल, विशाल वाल्मीकि, नीरज वाल्मीकि सहित अन्य जन भी मौजूद रहे।