नववर्ष संवतसर 2070 की पूर्व संध्या पर आयोजित होगा दो दिवसीय मेला

नववर्ष संवतसर 2070 की पूर्व संध्या पर आयोजित होगा दो दिवसीय मेला
मथुरा। (आरएनएस )आगामी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा भारतीय नववर्ष प्रतिपदा भारतीय नववर्ष संवतसर 2070 की पूर्व संध्या पर परंपरागत दो दिवसीय विशाल नव वर्ष मेले को एक बार और भी आकर्षक व लोकप्रिय बनाया जाएगा इस संबंध में नववर्ष मेला समिति की बैठक दीनदयाल नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में समिति की अध्यक्षा श्रीमती कमलेश अरोड़ा की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
 बैठक में इस बार मेले को नव आकर्षण, नव सज्जा तथा विशेष रूप से देेश भक्ति पूर्ण सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रमों और विभिन्न प्रतियोगिताओं के साथ और भी अधिक मेले में नवीनता लाने की दृष्टि से विचार किया गया है मेले के वरिष्ठ अधिकारी राजीव कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि मेले को प्रारंभ किए हुए 18 वर्ष हो चुके हैं इस बार यह मेला 19वां होगा। मेले का मुख्य उद्देश्य है हमारी भारतीय परंपरा व सभ्यता, संस्कृति को नई पीढ़ी समझे और पाश्चात्य संस्कृति की ओर प्रभावित ना हो बैठक का संचालन करते हुए मेला समिति के महामंत्री आचार्य बृजेंद्र नागर ने कहा कि भारतीय नव संवत्सर चैत्र शुक्ल पड़वा से प्रारंभ होता है यह दिन हमारे गौरवमयी भारतीय इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण है इस दिन हमारे अनेक महापुरुषों से जुड़ी यादें हमें प्रेरणा देती हैं इस अवसर पर मेला समिति की मंत्री डॉ दीपा अग्रवाल , योगेश उपाध्याय ने नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के विषय में जानकारी देते हुए सभी से 23 जनवरी को मीना कोठी आगरा में आयोजित विशाल जनसभा में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने का आग्रह किया बैठक का समापन खिचड़ी सहभोज के साथ किया गया। बैठक की अध्यक्षता मेला समिति की अध्यक्षा श्रीमती कमलेश अरोड़ा ने की तथा संचालन मेला समिति के महामंत्री आचार्य बृजेन्द्र नागर ने किया।
 इस अवसर पर राजीव कृष्ण अग्रवाल, गजेंद्र शर्मा, डॉक्टर दीपा अग्रवाल, योगेश उपाध्याय आवा, अजय कुमार शर्मा, पंकज शर्मा ,महेंद्र आचार्य ,डॉक्टर जमुना शर्मा ,श्रीमती मीरा मित्तल, पार्षद श्याम पाल सिंह, प्रधानाचार्य सुभाष सैनी ,विकास वार्ष्णेय,सरदार राजेंद्र सिंह होरा ,नानक चंद महावर ,श्रीमती आशा अग्रवाल, अनामिका दीक्षित, नेहा सिंह ,समीर बंसल, तरुण नागर, लक्ष्मण पाल, उमेश गर्ग, महेश गोस्वामी, मनोज शर्मा, संगीता सनाढ्य, वंदना शर्मा, डॉ दुर्गेश, रंजन चूड़ामणि, नीलम पांडेय आदि ने आदि ने भी विचार व्यक्त किए।