पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा के 51 वे स्मृति दिवस पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए दी श्रद्धांजलि

पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा के 51 वे स्मृति दिवस पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए दी श्रद्धांजलि
फर्रूखाबाद संवाददाता।(आरएनएस ) ओम शांति फर्रुखाबाद जटवारा जदी सेवा केंद्र की ओर से आज मशीनी गीता पाठशाला ब्रह्माकुमारीज में पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा के 51 वे स्मृति दिवस पर सभी भाई बहनों ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी वही कैप्टन सुरेंद्र प्रताप सिंह जी ने कहा की संसार में हमारा कोई दुश्मन नहीं सभी मित्र हैं हर एक को बहन भाई की दृष्टि से देखो बहन भाई का यह संबंध बहुत फायदा देने वाला है वहीं दूसरी ओर पाठशाला चलाने वाले केयरटेकर बीके माया देवी ने कहा कि हम एक सेकंड में शांति की अनुभूति में हो जाएं यही सच्चा प्रभु मिलन है ना बीती बात को आने दे और ना ही आने वाली बात को आने दे कोई चिंता नहीं एक दूसरे को सम्मान देना किसी के प्रभाव में ना आना। पिता श्री ब्रह्मा बाबा ने अपनी सुरक्षा के साथ-साथ दूसरों की भी सुरक्षा में बल दिया बीके शोभा बहन ने कहा कि ब्रह्मा बाबा का बोलने का तरीका जोहार रॉयल था ब्रह्मा बाबा तपस्या करने के लिए 2ः00 बजे रात आउट जाया करते थे उनका जीवन त्यागी तपस्वी जीवन था दूसरों को भी प्रेरणा देने का स्रोत था वह यह जानते थे कि मदिरापान धूम्रपान तथा अश्लील फिल्में देखने की आदत ने गरीब किसानो युवकों और जनसाधारण का कितना विनाश किया है इसलिए उन्होंने इस आदतों को साफ-साफ शब्दों में निंदा की। 90 वर्ष की आयु में भी वे उमंग अति उत्साह के साथ अपना कार्य करते थे शोभा दीदी ने यह भी बताया की ब्रह्मा बाबा केतन में जब शिव परमपिता परमात्मा की प्रवेश था हुई तो उनके मुख से 3 शब्द उच्चारण हुए निजानंद स्वरूपम शिवोहम शिवोहम ज्ञान स्वरूपम शिवोहम शिवोहम प्रकाश स्वरूपम शिवोहम शिवोहम एक अद्भुत साक्षात्कार हुआ विष्णु चतुर्भुज श्री कृष्ण का साक्षात्कार हुआ और ऐसी दुनिया के प्रेरणादायक स्वयं निराकार परमपिता परमात्मा शिव हित है अब इस संस्था का नाम प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय निराकार शिव परमात्मा ने यह नाम दिया जिसके शाखा देश विदेशों में 144 देशों में प्रख्यात है कैप्टन मिसेज बीके सरोज ने कहा दूसरों के अवगुण ना देखना ही सबसे बड़ा त्याग है। बीके गीता बहन ने पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा का 21 जनवरी विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया गया जिसका शुभारंभ पुष्प अर्पित कर ओम धनी के साथ किया गया बीके गीताबेन ने कहा संसार को इनको अनेकों शास्त्रों के अनुसार आदिदेव या आदम के नाम से याद करता है वेदा अनुसार ब्रह्मा सृष्टि के रचयिता व विष्णु पालनहार हैं आता हम यह समझ सकते हैं कि निराकार परमात्मा शिव ब्रह्मा के द्वारा नई दुनिया की रचना करते हैं ब्रह्मा बाबा का जीवन कितना साधारण व सेवा अर्थ था ब्रह्मा बाबा का लॉकेट नाम लेखराज कृपलानी था एवं उनका जन्म 15 दिसंबर 1806 तर में सिंध हैदराबाद वर्तमान समय पाकिस्तान में खूब चंद कृपलानी के घर में हुआ था जो कि एक ग्रामीण पाठशाला के हेडमास्टर थे मां का देहांत उनकी अल्पायु में ही हो गया था ब्रह्मा बाबा के बचपन में से 1936 तक क्या-क्या हुआ और ओम मंडली किस प्रकार निमृत हुई इसके संबंधित सारी जानकारी दी उन्होंने यह भी बताया कि ब्रम्हाकुमारी संस्थान में जुड़ने वाले प्रत्येक भाई बहनों को ब्रह्माकुमार तथा बहनों को ब्रम्हाकुमारी कहा जाता है पूरे विश्व में करीब 20 लाख लोग ब्रह्मा बाबा के पद चिन्हों पर चलकर अपना जीवन श्रेष्ठ बना रहे हैं ब्रह्मा बाबा ने माताओं बहनों का आगे करते हुए संस्था का कारोबार आगे बढ़ाया इस मौके पर  मैं सैनी ब्रह्माकुमारी पाठशाला में सरोज संतोष शकुंतला असले का पुष्पा मनोरमा और मेला उर्मिला शशि विनीता संतोष शालिनी रुद्रांश शताक्षी प्रभात लाली शारदा आदि सैकड़ों भाई बहनों ने भाग लिया