भाटपाररानी,देवरिया।(आरएनएस) क्या पता कि एक दिन ये हादसे हो जाएंगे,एक साथ फेरे लिए व एक साथ मर जाएंगे।शायर की ये पंक्तियां खामपार थाना क्षेत्र के भवानी छापर बाजार निवासी एक वृद्ध दम्पति पर सटीक बैठती है, जिन्होंने एक साथ रहकर लम्बी उम्र बिताया व एक साथ इस संसार से जुदा भी हो गए।ग्रामीण इसे कुदरत का करिश्मा मान रहे हैं।वहीं महाशिवरात्रि के पर्व पर खुशियां मनाने की तैयारी में जुटा मृत दम्पति के परिवार में मातम छा गया।बताया जाता है कि भवानी छापर बाजार निवासी अस्सी वर्षीय सुकदेव प्रसाद बरनवाल पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे।गुरुवार की शाम छः बजे इलाज के दौरान सुकदेव ने गोरखपुर में दम तोड़ दिया।परिजन उनके शव को लेकर घर आए व दाह संस्कार करने की तैयारी में जुट गए।इसी बीच सुकदेव की मौत के महज पांच घण्टे बाद उनकी अर्धांगनी सुमित्रा देवी ने भी दम तोड़ दिया।इस आश्चर्यजनक घटना से समूचा क्षेत्र मर्माहत हो गया।वहीं शुक्रवार की सुबह जब दोनों पति-पत्नी का अर्थी एक साथ निकली तो मौजूद सबकी आंखे नम हो गईं।झरही नदी के तट पर जब दोनों की चिता एक साथ जली तो ग्रामीणों के मुंह से बरबस निकल पड़ा कि ऊपर वाले ने दोनों के जीवन को कितना अजीब अंदाज में लिखा था।मृत दम्पति के पुत्र मुरलीधर बरनवाल,प्रमोद व प्रदीप आंखों में आंसू लिए कह रहे थे कि हमें क्या पता कि जीवन भर हमें प्यार व दुलार देने वाले माता-पिता एक साथ हमारा साथ छोड़ जाएंगे वहीं समाजसेवी जटाशंकर सिंह,रमेश सिंह, चुनचुन सिंह, राहुल सिंह, डॉ मुन्ना कुशवाहा, रामदेव यादव,डॉ राजू द्विवेदी,मुन्नीलाल जायसवाल, आनन्द बरनवाल, शिवजी ठाकुर,मुन्ना जायसवाल, जयप्रकाश बरनवाल, संजय बरनवाल, शम्भू शर्मा, मदन जायसवाल, चन्दन जायसवाल, गौतम सिंह यादव,पिंटू बरनवाल, मुहम्मद असलम,सैय्यद अंसारी आदि ग्रामीणों का कहना है कि एक साथ परिणय सूत्र में बंधने वाले,एक साथ वैवाहिक जीवन के सात फेरे लेने वाले व एक साथ जीवन की खुशियों व कष्टों को झेलने वाले वृद्ध दम्पति का एक साथ दुनिया छोड़ना हैरतअंगेज घटना है।यह घटना कुदरत का अजीब करिश्मा है।
भवानी छापर में एक साथ उठी पति-पत्नी की अर्थी