प्रतापपुरा प्रधान ने डीएम को सौपा शिकायती पत्र

उरई। (आरएनएस )ग्राम प्रतापपुरा निवासी प्रधान दीपक श्रीवास्तव ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र सौपते हुए मांग की है कि 29 मई को ग्राम पंचायत मे कराये गए कार्यो की जांच करने आये जिला स्तरीय अधिकारियो के साथ मिलकर गांव के ही कुछ लोगो ने एक राय होकर गाली गलौच करने लगे तथा मारपीट करने लगे साथ ही विकास कार्यो के सरकारी अभिलेख स्टीमेंट बिल वाउचर आदि फाड कर फेंक दिया तथा कोतवाली मे मुकदमा पंजीकृत किया जिसको लेकर प्रधान ने मांग की है कि उक्त प्रकरण की विवेचना थाना जालौन से स्थानान्तरित कराकर किसी अन्य थाने मे कराई जाये। जिससे पीडित को न्याय मिल सके।
थाना जालौन क्षेत्र के ग्राम प्रतापपुरा निवासी प्रधान दीपक श्रीवास्तव ने डीएम को शिकायती पत्र सौपते हुए बताया कि उक्त युवक ग्राम प्रतापपुरा का वर्तमान प्रधान है। 29 जनवरी दिन मे साढे 12 बजे ग्रामीणो द्वारा की गई शिकायत पर समाज कल्याण अधिकारी जीएस प्रजापति सहायक अभियन्ता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग उमराव यादव, एसडीओ समाज कल्याण विभाग, रामाधर वर्मा एवं सचिव प्रियंका धीरान व अन्य कर्मचारीगण ग्राम विकास कार्यो की जंाच करने के लिए ग्राम प्रतापपुरा आये हुए थे। तभी गांव के ही प्रकाश नारायण पाठक पुत्र राम शंकर पाठक, सौमनाथ पाठक पुत्र सुभाष पाठक, सुमित नारायण पाठक पुत्र राधेश्याम पाठक, आशीष पाठक पुत्र बृजेश पाठक, श्रीकर पाठक पुत्र सुभाषचन्द्र पाठक, रौनक पाठक पुत्र शशिकांत पाठक, सूरकांत पाठक पुत्र महेशचन्द्र पाठक, धीरेन्द्र पाठक पुत्र गोपाल पाठक, गौरव पाठक पुत्र बैकुण्ठ नारायण पाठक, दीनबन्धु पाठक पुत्र प्रकाश नारायण पाठक आदि लोगो ने एक राय होकर पीडित के साथ वाद विवाद करते हुए गालियां देने लगे। जिसको मना करने पर आशीष पाठक ने उसके ऊपर चाकू से प्रहार कर दिया लेकिन वह बच गया तभी प्रधान दीपक का भाई अमरेन्द्र कुमार पुत्र सच्चिदानन्द, अंकुर वहां पर आ गये। जिन्होेने बीच बचाव कराया तो सभी लोगो ने एक राय होकर भाईयो के साथ मारपीट करनी शुरू कर दी तथा पीडित प्रधान जो हाथ मे 2019-2020 मे कराये गए विकास कार्यो के अभिलेख स्टीमेट, एमबी बिल बाउचर लिए थे उसे फाडकर फेंक दिया। उक्त घटना के दौरान अमोल सिंह पुत्र लल्लूराम, विजय सिंह पुत्र गंेदा लाल, सतेन्द्र सिंह पुत्र रामप्रकाश गांव के ही निवासी मौके पर मौजूद थे जिन्होेने वहां पर बीच बचाव कराया। उक्त लोगो ने पुलिस को तहरीर दी। जिस पर पुलिस ने समुचित धाराओ मे मुकदमा पंजीकृत नही किया तथा नाजायज दबाब मे आकर पुलिस अभियुक्तगण को लाभ पहुचाना चाहती है। उसने मांग की है कि उक्त प्रकरण की विवेचना थाना जालौन से स्थानान्तरित कराकर किसी अन्य थाने से कराई जाये। जिससे पीडित प्रधान को न्याय मिल सके।


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