अलामीन बंगलादेश से आने वाले घुसपैठियों को कानपुर में दिलाता था ठिकाना 
कानपुर - सीसामऊ के व्यापारी से कम कीमत पर डॉलर बेचने के नाम पर तीन लाख  रुपये हड़पने वाले रोहिंग्या टप्पेबाजों के सरगना अलामीन की गिरफ्तारी के बाद पुलिस के सामने कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। अलामीन बंगलादेश से आने वाले घुसपैठियों को कानपुर में ठिकाना दिलाता था। पुलिस की जांच में ठगी की सारी रकम मुंबई में बैठे मास्टरमाइंड के खाते में जाने की जानकारी के बाद अब सीएए को लेकर हिंसा में फंडिंग को लेकर भी तार जुडऩे लगे हैं।

सरगना अलामिन ने बताया कि वह बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुस्लिमों को पश्चिम बंगाल के रास्ते कानपुर लाता था और उन्हें अलग.अलग इलाकों की बस्तियों में किराए पर कमरा दिलाकर या झोपडिय़ों में रुकवाता था। उन्हीं की मदद से गैंग बनाकर टप्पेबाजी का जाल फैलाकर रकम बटोर रहा था। अलामिन ने ही गैंग के प्रत्येक सदस्य को ठगी के लिए डॉलर,पहचान पत्र, मोबाइल और नगदी की व्यवस्था कराई थी। उसने अपना व कई सदस्यों के बारासिरोही के पते पर फर्जी आधार कार्ड भी बनवाया था। थाना प्रभारी 

सीएए के विरोध में हुए उपद्रव में आरोपितों की भूमिका की जांच शुरू  

अजय सेठ ने बताया कि गिरोह के तीन अन्य सदस्यों की तलाश में दबिश दी जा रही है।
रोहिंग्या होने की आशंका के बाद पुलिस सीएए के विरोध में हुए उपद्रव में भी आरोपितों की भूमिका की जांच कर रही है। बवाल के दौरान कैमरों की फुटेज से आरोपितों के चेहरे का मिलान कराया जाएगा। गिरोह के शातिरों की कॉल डिटेल में कई और नंबर भी मिले हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कुछ नंबर चमनगंज व बेकनगंज क्षेत्र के भी सामने आए हैं। पुलिस आशंका जता रही है कि दिसंबर में हुए उपद्रव में ये लोग भी शामिल हो सकते हैं।खुफिया सूत्रों ने बताया कि जिन खातों में आरोपितों ने रकम भेजी थीए उन खातेदारों से भी पूछताछ की जाएगी।

थाना प्रभारी ने बताया कि गैंग को मुंबई में बैठा मास्टरमाइंड ऑपरेट कर रहा था। लोगों को शिकार बनाने के बाद ठगी की रकम को मुंबई के ही एक खाते में ट्रांसफर किया जाता था। उस खाते की डिटेल निकलवाकर मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के लिए एक टीम मुंबई भेजी जाएगी।