आर्यनगर, गोंडा। बच्चों के साथ हुई बैड टच की घटना को किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए ताकि कोई भी अपराधी बच्चों के साथ भविष्य में गंभीर घटना करने की साहस न जुटा सके।
यह बात ब्लाक संसाधन केंद्र रूपईडीह पर शिक्षक-शिक्षिकाओं के हो रहे पांच दिवसीय निष्ठा प्रशिक्षण के द्वितीय चरण में पाक्सो एक्ट पर प्रकाश डालते हुए उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कौड़िया थाने के प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार सिंह ने कही। उन्होंने निर्भया कांड पर चर्चा करते हुए कहा कि कहा कि बाल यौन अपराध पर अंकुश लगाये जाने के लिए उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर शासन द्वारा बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम वर्ष 2012 में लागू किया गया है। इस अधिनियम के तहत अपराधियों को फांसी तक की भी सजा दिए जाने का प्रावधान किया गया ह। ऐसी स्थिति में स्कूलों में बच्चो को गुड टच व बैड टच के बारे में अवश्य बताया जाय जिससे उनके साथ कोई आपराधिक घटना न हो सके। किसी के द्वारा बैड टच किये जाने पर शुरुआत में ही बच्चों द्वारा कड़ा रुख अपनाने की विशेष आवश्यकता है। इसके लिए अध्यापक-अध्यापिकाओं को विद्यालय में बच्चो को जागरूक करने की आवश्यकता है। इसके आलावा महिला आरक्षी संध्या व मंगीता ने भी पाक्सो एक्ट के बारे में अपने विचार व्यक्त किये। अंकित तिवारी, प्रशिक्षक बाल मुकुंद पाण्डेय, राजदार अहमद, आकाश बाजपेयी, धर्मेन्द्र तिवारी व इन्द्र्सेन सिंह भी उपस्थित रहे।
बच्चों के साथ बैड टच की घटना किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं: अनिल सिंह