नन्ही जिंदगी ने जीती कुपोषण से जंग

हमीरपुर। कुपोषण से जूूझती नन्ही जिंदगी के लिए जिला अस्पताल का पोषण पुनर्वास केन्द्र वरदान साबित हो रहा है। तीन माह के अंदर इस केन्द्र में भर्ती होने वाले 28 बच्चो को कुपोषण से छुटकारा दिलाया गया है। जिला अस्पताल के एनआरसी वार्ड के आकडो के अनुसार दिसम्बर में 19 अतिकुपोषित बच्चो में 15 को कुपोषण से मुक्ति दिलायी गयी। जनवरी माह में दस अति कुपोषित बच्चो को वार्ड मंे भर्ती कराया गया है। जिसमे आठ बच्चे ठीक किये गये और दो को रिफर किया गया है। इसी तरह फरवरी में 11 में से पाच अतिकुपोषित बच्चे मिले इलाज और निगरानी की वजह से वह पूरी तरह से स्वस्थ्य होकर अपने घरो को लौट गये है। इस तरह तीन माह में 28 अति कुपोषित बच्चो को पूरी तरह से कुपोषण से दूर किया गया। ज्योति, पिंकी, सौम्या, अब खिल खिला रही है। कुरारा के वार्ड नं 7 फुलवारी मुहाल निवासी बंसी की दो साल सात माह की बेटी ज्योति को 18 फरवरी को डाक्टर अनुराग की मदद से एनआरसी में भर्ती कराया गया था। मौदहा ब्लाक के तिलसरस गांव के कालूराम की पुत्री पिंकी 11 माह भी एनआरसी में अतिकुपोषित अवस्था में लायी गयी। एक वर्ष की सौम्या पुत्री तेज ंिसह निवासी मेरापुर भी कुपोषण की शिकार थी। एनआरसी में उसका इलाज चला अब वह स्वस्थ्य है। जिसे जल्द ही घर भेज दिया जायेगा। एनआरसी वार्ड में भर्ती होने वाले बच्चो के अभिभावक को शासन से रोजाना 50 रूपया का भुगतान होता है। छुट्टी के बाद चार फालोअप कराने पर प्रति फालोअप 100 रूपया दिये जाते है। यह धनराशि बच्चे के मा के खाते में भेजी जाती है।