सडक पर बहता सीवर का पानी और निकलते राहगरी।


मथुरा। सरकारी कामकाज को यूं ही राजरोग की संज्ञा नहीं दी गई है, राजरोग यानी सरकारी काम किसी रोग से कम नहीं है। कई बार यह रोग लाइलाज सा लगने लगता है।  छह महीने से मथुरा वृंदावन जैसा महत्वपूर्ण मार्ग खुदा पडा है। दोपहिया वाहनों का निकला भी मुश्किल हो रहा है। सीवर का पानी सडक पर बह रहा है, पांच सौ मीटर के टुकडे में हो रहा यह काम है कि पूरा होने का नाम ही नहीं ले रहा है।  इसका उदाहरण पेश कर रहा है जलनिगम। छह माह से जल निगम मथुरा वृन्दावन मार्ग पर सीवर का कार्य करा रहा है अभी तक काम पूरा होने का नाम ही नही ले रहा है। छह माह से चल रहे सीवर के कार्य के कारण सड़क पर चलना फिरना मुश्किल हो गया है।
धीमी गति से चलते निर्माण कार्य के कारण मथुरा वृन्दावन मार्ग खुदा पड़ा है आवागमन में राहगीरों को असुविधा हो रही है। सुबह से नाले का पानी ओवरफ्लो करके सड़क पर बहने लगता है। न तो पार्षद को यह दिखाई देता है न ही नगर निगम के कर्मचारियों को, अधिकारियों को तो फुर्सत ही कहां है कि इस ओर देखें।
मात्र पांच सौ मीटर की सड़क की यह दुर्दशा है यहां से किसी भी बाहन का निकलना मुश्किल हो रहा है और लोग ईरिक्शा व रिक्शा दुपहिया बाहनों को यहां से निकालने में परेशान हो रहे हैं। यहां से आते जाते बाहन अक्सर गिर रहे है और राहगीर चुटैल हो रहे है।
चमेली देवी गर्ल्स स्कूल के सामने से लेकर अग्रसेन वाटिका तक सड़क पर सीवर लाइन डालने कार्य करीव छह माह पूर्व शुरू किया गया था जो आज तक पूरा न हो सका है। सीवर लाइन के कार्य के चलते आधी सड़क निर्माण कार्य के लिये बन्द की जा चुकी है वहीं आधी सड़क पर नाले का पानी भरा रहता है जिससे बाहनों का निकलना तो मुश्किल हो ही रहा है पैदल चलने के लिए भी जगह ही नहीं है लोगों को गन्दे नाले के पानी को पार करके ही निकलना पड़ रहा है। चैत्र नवरात्र भी प्रारम्भ होने जा रहे है ऐसे में इस सड़क पर नाले का पानी भरे होने से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं व नवरात्र में भी यहां से गजरने वाले लोगों को परेशानी होगी।