धैर्यपूर्वक निवेश के दूरगामी फायदे



केंद्र सरकार के बजट के आने के बाद शेयर बाजार में लगातार चिंता का माहौल है। बजट में कुछ ऐसे प्रावधान हैं, जिनसे शेयर बाजार में असुरक्षा का माहौल है और इसलिए बाजार गिर रहा है। 25 जुलाई 2019 के हिसाब से देखें तो मुंबई शेयर बाजार का सूचकांक सेंसेक्स 37,831 बिंदु पर बंद हुआ है। इस हिसाब से देखें तो सेंसेक्स एक हफ्ते में 2.70 प्रतिशत गिरा और एक महीने में इसकी गिरावट 4.10 प्रतिशत की रही। बाजार लगातार गिरे तो निवेशकों में चिंता हो जाती है। पर उन निवेशकों को चिंता से दूर रहना चाहिए जो लंबे समय के लिए निवेश करते हैं और खासकर म्यूचुअल फंडों के जरिये।
शेयर बाजार तात्कालिक घटनाक्रम पर कई बार प्रतिक्रिया व्यक्त करने में अतिरेकी हो जाता है। इस वजह से शेयर बाजार को जितना डूबना चाहिए था, उससे ज्यादा डूब जाता है और कई बार जितना उछलना चाहिए, उससे ज्यादा उछल जाता है। कुल मिलाकर शेयर बाजार की प्रतिक्रिया तर्क पर आधारित न होकर भावनाओं पर आधारित होती है। मुंबई शेयर बाजार के सूचकांक को संवेदी सूचकांक कहा जाता है। इसका एक आशय यह भी है कि यह भावनाओं पर आधारित होता है, संवेदनाओं पर आधारित होता है। कई बार ऐसा भी देखने में आया है कि शेयर बाजार की स्मृति ज्यादा लंबी नहीं जाती है। एक बात पर विकट प्रतिक्रिया करने वाला शेयर बाजार जल्दी ही उस बात को भूलकर अगली बात पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने लगता है।
कुल मिलाकर भावनाओं से दूर रहकर निवेशकों को तथ्यों के आधार पर धैर्यपूर्वक निवेश करना चाहिए। कई बार ऐसा होता है कि कई निवेश विकल्प छोटी अवधि के हिसाब से देखने में बहुत गिरे हुए अनाकर्षक दिखायी देते हैं पर उन्हें अगर दीर्घ अवधि के लिहाज से देखें तो वे पर्याप्त आकर्षक दिखायी देते हैं।
एसबीआई स्माल कैप फंड ऐसा ही निवेश विकल्प माना जा सकता है। एसबीआई म्यूचुअल फंड के स्माल कैप फंड के आंकड़े देखें तो साफ होता है कि इसने एक साल में तो नकारात्मक रिटर्न दिया है यानी घाटा ही दिया है। 24 जुलाई 2019 के आंकड़ों के हिसाब से देखें तो एक साल में एसबीआई स्माल कैप फंड ने 4.04 प्रतिशत का घाटा दिया है। पर यह आंकड़ा बदल जाता है, अगर तीन साल की अवधि के हिसाब से देखा जाये। तीन सालों के आंकड़े बताते हैं कि इसने हर साल 11.61 प्रतिशत के हिसाब से रिटर्न दिये हैं। इस रिटर्न को खराब नहीं माना जा सकता। पांच साल के हिसाब के आंकड़े देखे जायें तो आंकड़े बिल्कुल बदल जाते हैं। यानी पांच सालों के हिसाब से इसने हर साल 18.37 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। इसे बेहतरीन रिटर्न माना जा सका है।
कुल मिलाकर इन आंकड़ों से सीखने की बात यह है कि म्यूचुअल फंड के निवेशकों को खास तौर पर थोड़ा दूर के हिसाब से सोचना चाहिए। एसबीआई स्माल कैप फंड के पास 30 जून 2019 के आंकड़ों के हिसाब से 2258 करोड़ रुपये के निवेश योग्य संसाधन थे। इनमें से 4.78 प्रतिशत का निवेश जेके सीमेंट के शेयरों में किया गया। 4.64 प्रतिशत का निवेश हाकिन्स कुकर के शेयरों में है। 3.74 प्रतिशत का निवेश टेक्नो इलेक्िट्रक में है। 3.4 प्रतिशत निवेश शीला फोम में है। 3.46 प्रतिशत निवेश रिलेक्सो फुटवियर में है।
यह बात समझने की है कि छोटी कंपनियों पर आधारित निवेश विकल्प में जोखिम तुलनात्मक तौर पर ज्यादा होते हैं। वजह साफ है कि बड़ी कंपनियां बड़े हाथी की तरह होती हैं, उनके डूबने में वक्त लगता है। छोटी कंपनियां कई बार इतनी छोटी होती हैं कि उनके डूबने की खबर तक नहीं आती। पर बड़ी कंपनियों के शेयरों पर आधारित निवेश में रिटर्न की एक सीमा होती है। यानी बड़ी कंपनियों की विकास की दर की सीमा होती है। एक हद के बाद वो तेजी से बढऩा बंद कर देती हैं। छोटी कंपनियों पर आधारित निवेश इस सीमा से मुक्त रहता है। छोटी कंपनियां बड़ी होती हैं, और बड़ी होती हैं। फिर बहुत ही बड़ी जब हो जाती हैं, तब उनकी विकास की रफ्तार थम जाती है। तो बड़ी कंपनियां अपेक्षाकृत सुरक्षित निवेश दे सकती हैं पर छोटी कंपनियों में निवेश कम सुरक्षित भले ही हो पर उनमें रिटर्न की गुंजाइश ज्यादा होती है।
नि:संदेह छोटी कंपनियों पर आधारित निवेश विकल्प अपेक्षाकृत ज्यादा जोखिमपूर्ण होते हैं। इसलिए जो निवेशक थोड़ा ज्यादा जोखिम लेकर निवेश करने की क्षमता रखते हों, उन्हे एसबीआई स्माल कैप में अपने निवेश योग्य संसाधनों का एक हिस्सा लगाने पर विचार करना चाहिए। म्यूचुअल फंड निवेश में बाजार जोखिम रहते हैं। इसलिए निवेशक अपना अध्ययन करें या किसी वित्तीय सलाहकार की सलाह लें।
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