हारकर भी जीतने की कलाबाजी

 



सहीराम
वर्ल्ड कप खेल रही हमारी क्रिकेट टीम ने केसरिया जर्सी कुछ उसी अंदाज में पहनी थी जैसे वीर लड़ाके हमेशा पुकार करते आए हैं-मेरा रंग दे बसंती चोला। लेकिन केसरिया जर्सी पहनकर खेली भारतीय टीम पहला मैच ही हार गयी। इस तरह इस वर्ल्ड कप में वह अपना पहला मैच हारी।
बस कमाल यही है कि हम भारतीयों ने इस हार को हार नहीं माना। इस हार को जीत मान कर खुशी-खुशी स्वीकार किया। जबकि पाकिस्तान वाले इस बार दुआ कर रहे थे कि इंडिया जीत जाए। इंडिया की जीत की दुआ पाकिस्तान आखिर कब-कब करता है। पाकिस्तान वाले सिर्फ दुआ ही नहीं कर रहे थे बल्कि इंडिया वालों से इल्तिजा कर रहे थे, उनकी मान-मनौव्वल कर रहे थे, उनके सामने जैसे गिड़गिड़ा रहे थे-भैया जीत जाओ न। बस यह मैच जीत लो। फिर हम कभी नहीं कहेंगे कि आप जीतो।
अच्छा बोलो, जीतने के लिए आपको क्या चाहिए? चलो हम आपके चीयरलीडर बन जाते हैं। हम आपका हौसला बढ़ाते हैं। आप कहोगे तो तिरंगा भी लहरा देंगे। आप कश्मीर मांगोगे तो कश्मीर भी दे देंगे। आप मसूद अजहर मांगोगे, वह भी दे देंगे, आप हाफिज सईद मांगोगे तो वह भी देंगे। आप जो चाहोगे, देंगे, आप जो कहोगे, करेंगे। पर आप जीत जाओ। धोनी भैया ऐसे मत करो यार। इतना धीमा क्यों खेल रहे हो, जैसे खेलते हो वैसे खेलो न, धुआंधार। दिखाओ अपना कोई हेलीकॉप्टर शॉट। यह जाधव भी देखो कितना धीमा खेल रहा है।
लेकिन केसरिया बाना धारण किए हमारे खिलाडिय़़ों ने तो जैसे पाकिस्तान वालों के सारे ऑफर ही ठुकरा दिए। जैसे कह रहे हों कि हमने क्या जीतने का ठेका ले रखा है। कभी-कभी हारना तो हमारा भी बनता है न यार। नहीं, चलो आज हम हार जाते हैं। कभी हम दोनों ने मिलकर अंग्रेजों को हराया था। पर आज इनसे हारने का हमारा बड़ा मन कर रहा है। चलो हार ही जाते हैं यार। हार कर भी यह हमारी जीत होगी क्योंकि हमारी यह हार वास्तव में तुम्हारी हार होगी और हमारी जीत होगी। हार कर जीतना भी जीतने का एक तरीका होता है। चलो आज वही तरीका आजमाते हैं। हम हार जाते हैं।
पाकिस्तान वालों ने उन्हें सब कुछ ऑफर किया। पर भारतीय खिलाड़ी नहीं माने और वे हार गए। इंग्लैंड वालों से, अंग्रेजों से हार गए। हार कर भी वे हंसे, खुश हुए। पहली बार केसरिया जर्सी पहनकर हारना उन्हें बिल्कुल भी अपशकुन नहीं लगा। न ही पाकिस्तान वालों ने यह दुहाई दी कि यारो, केसरिया की तो कम से कम लाज रख लो। और कुछ नहीं तो उन्हें केसरी फिल्म की कसम ही दे देनी चाहिए थी। पर न उन्होंने दुहाई दी और न इन्होंने कोई अपशकुन माना। इंडिया हार कर भी जीत गया।