ग्रहण लगना तो था जी चंद्रमा पर, पर देखो लग गया चंद्रयान पर। नहीं, ऐसा नहीं हुआ कि एक की मुसीबत दूसरे ने अपने ऊपर ले ली। यह कोई फिल्मी कहानी थोड़े ही थी कि एक दोस्त ने दूसरे की मुसीबत अपने ऊपर ले ली या मां ने बेटे को बचाने के लिए उसका दोष अपने ऊपर ले लिया क्योंकि ऐसा तो हुआ नहीं कि चंद्रमा पर जो ग्रहण लगना था, वह चंद्रयान पर ग्रहण लगने से टल गया। चंद्रमा पर तो लगा ही लगा क्योंकि वह तो यज्ञ, हवन से भी नहीं टल सकता था। पर चंद्रयान पर भी लगा, जिसकी सफल उड़ान के लिए इसरो के चैयरमैन तिरुपति जाकर बालाजी की धोक मार कर आए थे।
कहते हैं कि यज्ञ, हवन सब किया गया था। ज्योतिषियों से मुहूर्त-वुहूर्त भी निकलवाया गया था। जैसे नेता लोग चुनाव का नामांकन भरने से लेकर, शपथ लेने और मंत्री पद संभालने तक हर काम का शुभ मुहूर्त निकलवाते हैं। यह अलग बात है कि इसके बाद भी कई नेता चुनाव हार जाते हैं और कइयों का मंत्री पद चला जाता है। अरे साहब सरकारें चली जाती हैं।
ज्योतिष कला को विज्ञान का दर्जा देने में जितना हाथ नेताओं का है, हमारे वैज्ञानिकों का भी उससे कम नहीं है। पता नहीं अमेरिका और चीन वाले अपने अंतरिक्ष यान छोडऩे के मुहूर्त किससे निकलवाते हैं क्योंकि इधर हम विश्व गुरु बनने की ओर बढ़ रहे हैं, इसलिए हो सकता है भविष्य में वे भी अपने अंतरिक्ष मिशन लॉन्च करने के लिए शुभ मुहूर्त निकलवाने हमारे ज्योतिषियों के पास आने लगें। किसी दिन पता चला कि अमेरिका में चुनावों से पहले सारे के सारे नेता भारत का चक्कर लगा रहे हैं। किसलिए? जी, नामांकन के लिए शुभ मुहूर्त निकलवाने आए हैं।
चीनियों को तो सिर्फ इसलिए दुश्मन करार दे दिया जाएगा, हालांकि दुश्मन की श्रेणी में तो वे पहले से भी हैं ही, कि वे हमसे मुहूर्त नहीं निकलवाते। खैर, इस चंद्रयान मिशन की महत्ता इस बात में भी थी कि इनसान के चंद्रमा पर पांव रखने के पचास साल पूरे होने पर इसकी लॉन्चिंग होनी थी। पर ग्रहण लग गया। आजकल पता नहीं क्यों अच्छी खबरें आ ही नहीं रहीं। न क्रिकेट का वर्ल्ड कप जीत पाए, न चंद्रयान को भेज पाए।
अगर क्रिकेट का वर्ल्ड कप जीत जाते और चंद्रयान का सफलता से प्रक्षेपण हो जाता तो मोदीजी आज अपने मंत्रियों को थोड़े ही डांट रहे होते। वे सफलताओं के गुण गा रहे होते। फिर यह कर्नाटक की सरकार तुरत-फुरत गिर जाती तो भी बेचारे मंत्रियों को इस तरह डांट न खानी पड़ती। भारी बहुमत से चुनाव जीतने का अर्थ यह नहीं होता कि सब कुछ मनमाफिक ही हो।
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