हमीरपुर/25 नवम्बर 2019/सोमवार। (आरएनएस)सोमवार की दोपहर जब सीबीआई की तीन सदस्यीय टीम ने मौदहा बांध, निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन में डेरा डाला तो मौरंग व्यवसाईयों में हड़कम्प मच गया। सीबीआई की टीम हमीरपुर में ढाई साल से अधिक अर्से तक रहने वाली जिलाधिकारी बीचन्द्र कला आईएएस के जरिये किये गये मौरंग के पट्टों और इससे जुड़ें अधिकारियों, पट्टेदारों की भूमिका की अब फाईनल जांच करेगी। क्योंकि अदालत में चार्जशीट दाखिल करना है। प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार ने 2008 बैच की बीचन्द्रकला को जिलाधिकारी बनाया था, जिन्होंने 15 अप्रैल 2012 को तैनाती के बाद नियमों को ताक में रखकर ई-टेण्डरिंग के बिना 49 पट्टे मौरंग खनन के जारी किये थे। इसके बाद 10 पट्टे और जारी किये। इसमें एमएलसी रमेश मिश्रा, उनके बड़े भाई दिनेश मिश्रा, बबलू उर्फ अम्बिका जिला पंचायत अध्यक्ष के पिता सत्यदेव दीक्षित, लोनिवि के रिटायर्ड लिपिक रामऔतार निवासी जालौन को तमाम पट्टे दिये गये थे। हाईकोट के आदेश पर अवैध खनन की चल रही जांच में तमाम लोगों से पूछताछ हो चुकी है। 11 लोगों के यहां छापामारी करके करोड़ों की नगदी, सोने के जेवर और अन्य फाईलें बरामद की। इस टीम का नेतृत्व एएसपी एपी शर्मा कर रहे हैं। निरीक्षण भवन में जबरजस्त पुलिस का पहरा है। मौरंग के 25 पट्टों में गड़बड़ी की जांच कर रही है सीबीआई। शिकायतों के बाद एनजीटी ने कुछ महिने पहले उन सभी पट्टों को अवैध करार कर बन्द कर दिया था। अब की बार तीन सदस्यीय टीम आई हुई है।
मौरंग खनन, सीबीआई टीम ने डाला डेरा