रफी अहमद किदवई इंटर कॉलेज का विराट कवि सम्मेलन संपन्न 
रफी अहमद किदवई इंटर कॉलेज का विराट कवि सम्मेलन संपन्न व्यंग, देश प्रेम ,श्रृंगार ,हास्य, वीर रस की कविताओं से दर्शकों ने बटोरी तालियां 

हरदोई -(आरएनएस)रफी अहमद किदवई इंटर कॉलेज एवं श्री सरस्वती सदन के संयुक्त तत्वाधान में शनिवार की रात कॉलेज के भव्य पंडाल में हुए अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन में देश के प्रख्यात कवियों ने श्रृंगार हास्य, व्यंग, देश प्रेम और वीर रस की कविताओं से खूब तालियां बटोरी। कवि सम्मेलन में जयपुर राजस्थान से पधारे कवि कमल मनोहर की हास्य व्यंग की प्रस्तुति से पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।कवि सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व जिलाधिकारी एवं साहित्यकार एके सिंह राठौर ने दीप प्रज्वलित करके मां शारदे के चित्र पर पुष्प अर्पित करके किया। प्रधानाचार्य डॉ अमित कुमार वर्मा, ज्ञानेंद्र जयंत, देश दीपक शुक्ला, राम नंदिनी तिवारी, संतोष शर्मा, रामेंद्र कनौजिया, ऋषि तिवारी ,राम सिंह यादव एवं सदन मंत्री मनीष मिश्र ने कवियों को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। श्री राठौर एवं प्रबंधक अरुणेश बाजपेई ने कवियों को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस मौके पर पीके गुप्ता एवं दीप सोनी ने गुरु जी का साहित्य भेंट किया। श्री राठौर ने कहा ,विद्यालयों से लुप्त हो रही वार्षिकोत्सव की परंपरा को यह कालेज बनाए हुए हैं इसके लिए कालेज की प्रबंध समिति बधाई की पात्र है। प्रबंधक श्री बाजपेई ने कवियों का स्वागत करते हुए कहा, यहां के सुधी श्रोता कवि सम्मेलन बड़े चाव से सुनते हैं और अच्छी कविता पर तालियां बजाने से पीछे नहीं रहते हैं। यह हरदोई की विशेषता है कि इस मंच पर कवि गण  आने के लिए उत्सुक रहते हैं। संचालन अनिल श्रीवास्तव ने किया।कवि सम्मेलन की शुरुआत सूरत राजस्थान से पधारी कवियत्री सोनल जैन ने मां सरस्वती वंदना से की। "वीणापाणि वाणी भरदे, हे शारदे मां"। धूलिया महाराष्ट्र से प्रहलाद की धरती पर पधारे हास्य व्यंग के सशक्त हस्ताक्षर मनोज मद्रासी ने बाबा रामदेव पर कटाक्ष किया। बाबा ने कहा, "योग करो,योग करो ,जब देशवासी योग करने लगे, तब बाबाजी उद्योग करने लग गए" की प्रस्तुति पर खूब तालियां बटोरी। लखनऊ से पधारे युवा वीर रस के कवि मनु व्रत बाजपेई ने रचना प्रस्तुत की।" कोई मंदिर में जाए भजन के लिए, काट देता है आयु कोई धन के लिए, मेरी ईश्वर से बस यही प्रार्थना है जिंदगी हो समर्पित वतन के लिए"। फर्रुखाबाद के प्रख्यात कवि डॉक्टर शिव ओम अंबर ने सफल संचालन करते हुए कहा "लफ्जों में टंकार बिठा, लहजे में खुद्दारी रख, जीने की ख्वाहिश है तो मरने की तैयारी रख"। छतरपुर मध्य प्रदेश से पधारी कवियत्री हेमा जैन बुखारी ने चंद्रशेखर आजाद के बलिदान को याद करते हुए कहा"आजादी की जंग लड़ी आजादी का पैगाम लिखा, अपने पास रखी वह गोली, जिस पर अपना नाम लिखा" रचना प्रस्तुत की। वीर रस के कवि वेदव्रत बाजपेई ने कहा "चाणक्य की धरती पर हर पाठ पढ़ाया जाता है ,अनपढ़ चरवाहे को भी सम्राट बनाया जाता है" की प्रस्तुति पर खूब तालियां बटोरी। राजस्थान से पधारे कमल मनोहर ने धारा 370 पर कटाक्ष करते हुए कहा" यदि नेहरू जी लगाते नहीं तो मोदी भी हटाते कैसे "की प्रस्तुति पर खूब वाहवाही लूटी। हरदोई की बेटी अपूर्वा अवस्थी ने कहा "मैं भावुक हूं ,कमजोर नहीं ,मैं शांतिदूत हूं शोर नहीं" रचना प्रस्तुत की। कवियत्री  सोनल जैन ने कहा" वह हमारी एक ही मंजिल, हमें संग संग चलना है जरा हमको बदलना है जरा तुम को बदलना है" की प्रस्तुति पर खूब तालियां बटोरी। अंत में मनीष मिश्र ने अतिथियों के प्रति आभार जताया।