एक दिन विभिन्न रंगों के फूलों से लदी हुई झाड़ी

जीवन की सार्थकताएक दिन विभिन्न रंगों के फूलों से लदी हुई झाड़ी पर एक चिडिय़ा आकर बैठी और फूलों से बोली कि तुम लोग कैसे मूर्ख हो कि अपना मकरंद भंवरों को खिला देते हो। वे अपना पेट भरकर तुम्हें बिना कुछ दिये ही उड़ जाते हैं। फूलों ने मुस्कुराकर कहा कि कुछ देकर उसके बदले में कुछ लेना तो व्यापारियों का काम है। नि:स्वार्थ भाव से किया गया कार्य ही सच्ची सेवा एवं त्याग है। यही जीवन का उद्देश्य होना चाहिए। दूसरों के लिए काम आने में ही जीवन की सार्थकता है।