गोष्ठी कर जंगे आजादी के युद्धाओं को किया याद


इटावा। जंगे आजादी के योद्धा काकोरी कांड के हीरो, अमर शहीद पं. राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां वारसी, ठा. रोशन सिंह व राजेन्द्र नाथ लाहड़ी के बलिदान दिवस पर कटरा साहब खां स्थित बुशरा मिर्जा जन सेवा केन्द्र पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें वक्ताओं ने शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
कौमी तहफ्फुज कमेटी के संयोजक खादिम अब्बास ने कहा कि काकोरी ट्रेन डकैती कांड को अंजाम देकर पं. रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, ठाकुर रोशन सिंह व राजेन्द्र नाथ लाहड़ी ने अंग्रेज शासकों की चूलें हिलाकर रख दी थी। सरकारी खजाने की लूटकर क्रान्तिकारियों ने एक ऐसा इतिहास लिख दिया जो हमेशा याद किया जायेगा। इफ्तिखार मिर्जा ने कहा कि अंग्रेजी हुकमंराओं ने पं. राम प्रसाद बिस्मिल को 19 दिसम्बर को गोरखपुर की जेल में अशफाक उल्ला खां को फैजाबाद की जेल में, ठा. रोशन सिंह को नैनी जेल में 1927 में फांसी दे दी व राजेन्द्र नाथ लाहड़ी को 17 दिसम्बर 1927 में गौंडा जेल में फांसी दे दी थी। शहीदों के इस बलिदान से देश के स्वतंत्र होने का मार्ग प्रशस्त हुआ। पीस पार्टी के जिलाध्यक्ष इकबाल हुसैन ने कहा कि पं. रामप्रसाद बिस्मिल व अशफाक उल्ला खां उच्च कोटि के कवि व शायर थे। उनके आजादी के तरानों ने ब्रिटिश साम्राज्यवादियों की नींद खराब कर दी थी। मो. अजहरउद्दीन ने कहा कि हमारा युवा वर्ग देश को स्वतंत्र कराने वाले क्रांतिकारियों व बलिदानों के इतिहास से अनजान है। गोष्ठी में अनवर अहमद, शुऐब राईनी, राजा वारसी, रामसेवक, नरेश राजपूत, सुरेश जाटव ने भी अपने विचार व्यक्त किये। अध्यक्षता रशीद मीर खां ने की। गोष्ठी में हादी हसन, इन्तजार हसन, मो. सलाउद्दीन, मो. शानू, मोहसिन हसन आदि मौजूद रहे।