मानवता व इंशानियत ही इंशान का धर्म


अमेठी। मानवता इंशानियत ही इंशान का धर्म, मानवजीवन में ही प्रभु परमात्मा की जानकारी संभव उक्त उदगार लखनऊ से चल कर आये निरंकारी संत रवि मोहन ने मिशन की करौंदी शाखा के निरंकारी सत्संग भवन में 47वां  निरंकारी विशेष सत्संग में उपस्थित श्रद्धालुओं के बीच व्यक्त किया।
         उन्होंने सतगुरु माता सुदीक्षा के वचनों को दोहराते हुये आगे कहा कि एक पड़ोसी को एक पड़ोसी के काम आना चाहिए मिलवर्तन, प्रेम दया के भाव से युक्त होकर एक दूसरे के सुख दुःख में काम आना चाहिए।
    उन्होंने कहा कि निरंकारी मिशन पूरे विश्व में मानवता इन्शानियत की राह पर इंशान को एक प्रभु परमात्मा की जानकारी कराकर चलने की प्रेरणा दे रहा है मानवजीवन का उद्देश्य ही एक प्रभु परमात्मा की जानकारी प्राप्त कर भक्ति करना है और यह अधिकार सिर्फ इंशान को ही प्राप्त है किसी पशु पछि या जीव जंतु को नहीं, मिशन विश्वबंधुत्व की भावना से युक्त हो कर सारी मानवजाति से प्रेम करने की सीख दे रहा है। मिशन जाति धर्म से ऊपर उठकर भक्ति करने पर जोर देता है इंशान की जाति सिर्फ इन्शानियत है और इन्शानियत प्रेम और दया के भाव से ही आती है।