प्रशासन की शक्ति भी नहीं डिगा सकी लेखपालों के आंदोलन को


उरई(जालौन)। उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के आव्हान पर लेखपालों का जनपद स्तरीय धरना आज शनिवार को 11वें दिन जारी रहा। लेखपालों की हड़ताल को देखते हुए प्रशासन ने हड़ताली लेखपालों पर कार्यवाही करते हुए दो दर्जन से अधिक लेखपालों के सस्पेंड करने के साथ ही कई लेखपालों को नोटिस भी जारी कर चेतवानी भी दी जा चुकी है। इसके बाद भी लेखपाल संघ अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर लेखपालों ने 11वें दिन कार्य वहिष्कार करते हुये कलेक्ट्रेट परिसर में सरकार के विरोध में धरना जारी रखा।


धरना स्थल में आंदोलनरत लेखपालों ने कहा कि प्रदेश ने वर्षो से रिक्त चल रहे 7694 लेखपाल पदों का कार्य अतिरिक्त क्षेत्रों के रूप में कर रहे थे। जिससे इन रिक्त पदों के वेतन के रूप में लगभग 240 करोड़ रुपये वार्षिक की शासकीय बचत हो रही थी।फिर भी शासन ने वित्त विभाग द्वारा लेखपाल संवर्ग की वेतन,भत्ते,विसंगति आदि मांगों को बार-बार लटकाया जा रहा है। और कहा कि लेखपालों द्वारा अपने नियुक्त क्षेत्रों का संपूर्ण कार्य किया जा रहा था।उसके बावजूद शासन हमारी मांगों के प्रति गंभीर नहीं है और इसके विपरीत कई जनपदों में लेखपालों के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्यवाही निलंबन,वेतन कटौती तथा स्थानातरण की कार्यवाही की जा रही है।उन्होंने कहा कि संघ की मांगों के संबंध में शासनादेश निर्गत कराने की कृपा करें।जिससे किसान,मजदूर,छात्र एवं शासन-प्रशासन को किसी भी असुविधा से बचाया जा सके।


और उन्होंने कहा कि जब तक हमारी माँगे पूरी नही होगी तब तक हम सम्पूर्ण कार्य का बहिष्कार करेंगे। धरने में प्रमुख रूप से शंकर शरण शास्त्री, जसवंत सिंह, विनोद वर्मा, रामकिशोर गुप्ता,रामदन्त निरंजन, जसवंत सिंह,राज मित्रा राजबर्धन,सुरेश कुमार, कमलेश कुमार, राजेंद्र कुमार प्रजापति, दिग्विजय सिंह, देशराज,  ओमनारायण, लज्जाराम, अखलेश खरे, राजेंद्र प्रजापति, अरविंद यादव, शालिनी, पूजा, सीमा आदि सभी लेखपाल मौजूद रहे।


 


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फोटो परिचय-- कलेक्ट्रेट में 11वें दिन भी धरना देता लेखपाल संघ।