मंडी समिति सचिव के सामने मंडी समिति के कारोबारियों की समस्याओं को उठाता प्रतिनिधि मंडल।

विवाद की मंडीः अपनी जिद पर अडे दोनों पक्ष, प्रशासन ने दिया चार दिन का अल्टीमेटम
-लगातार चैथे दिन भी मंडी के कारोबारी रहे हडताल पर, नहीं खुलीं दुकानें
-शुक्रवार को भी विफल रही  मंडी कारोबारी और प्रशासन के बीच वार्ता

मथुरा।(आरएनएस ) फल एवं अनाज मंडी दन दिनों विवाद की मंडी बनी हुई है। मंडी प्रशासन और कारोबारी आमने सामने हैं। दोनों पक्ष अपनी जिद पर अडे हैं। विवाद के चलते लगातार चैथे दिन मंडी में कारोबार पूरी तरह से ठप रहा। दूसरी ओर सहालग का समय होने के चलते बडी संख्या में किसान अपना अनाज और फल सब्जी मंडी में बेचने ला रहे हैं। इनमें से कुछ काश्तकार हर हालत में अपनी उपज बेचना चाहते हैं जिससे मिले पैसे से वह अपनी बेटी या बेटे की शादी का खर्च उठा सकें। काश्तकारों की दिक्कत को देखते हुए मंडी प्रशासन ने काश्तकारों को इस बात की छूट दी है कि वह मंडी में बिना किसी बिचैलिया के सीधे खरीददार को अपनी उपज बेच सकते हैं, जिससे उनका अनाज भी रखाब नहीं होगा और समय से उन्हें पैसा भी मिल सकेंगे।
  दूसरी ओर शुक्रवार को एक बार फिर मंडी समिति के कारोबारियों और मंडी समिति प्रशासन के बीच सिटी मजिस्ट्रेट मनोज कुमार के नेतृत्व में एक बैठक हुई। बैठक में कारोबारियों को अपना पक्ष रखने और मांगों को तर्क संगत ढंग से उठाने का मौका दिया गया। कारोबारियों का कहना था कि उन्होंने किसी तरह का कोई अतिक्रमण नहीं किया है। बहुत पहले मंडी में जो निर्माण हुए हैं वह यथास्थिति में हैं। किसी तरह का कोई नवनिर्माण नहीं हुआ है। जब नया निर्माण नहीं हुआ तो अतिक्रमण कैसे हो गया। जिन लोगों के अस्थाई अतिक्रमण थे उन्हें कारोबारियों ने खुद ही हटा लिया है। ऐसे में मंडी प्रशासन अनावश्यक दबाव बनाने की रणनीति के तहत कार्यवाही कर रहा है। यह कार्यवाही रूकनी चाहिए तभी वह मंडी की अनिश्चित कालीन हडताल को वापस लेंगे। दूसरी और मंडी प्रशासन ने कारोबारियों की मांग को मानने से इनकार कर दिया। मंडी समिति सचिव सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि मंडी के अंदर 268 स्थाई और अस्थाई अतिक्रमण चिन्हित किये हैं। अतिक्रमणकारियों को मंगलवार तक का समय दिया गया है, वह स्वेच्छा से अपने अतिक्रमण हटालें अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो प्रशासन अपनी तरफ से कार्यवाही करेगा और किसी भी तरह के नुकसान की भरपाई भी कारोबारियों से ही की जाएगी। इस दौरान कांग्रेस नेता कु.नरेन्द्र सिंह ने भी व्यापारियों की तरफ से मंडी प्रशासन के सामने पैरवी की लेकिन किसी तरह की कोई बात नहीं बनी। इस मसले पर मंडी कारोबारियों ने भी बाकायदा एक समिति का गठन किया है जो इस पूरे आंदोलन को आगे बढा रही है। बातचीत में मंडी समिति व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष राधाचरण, महामंत्री दीनदयाल अग्रवाल, कालीचरणन बिंदल, तौफीक कुरैसी, राजेन्द्र पटेल आदि सामिल रहे।