लाॅकडाउन/कफ्र्यू का जनपद वासियों ने किया समर्थन, रोडो पर पसरा रहा सन्नाटा


उरई।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 मार्च से 15 अप्रैल तक कोरोना वायरस से निपटने के लिए पूरे देश की जनता से अपील करते हुये लाॅकडाउन लगाकर कोरोना को पूर्णतः समाप्त करने के लिये देशवाशियों से अपील की। जिसको लेकर जनता ने प्रधानमंत्री की अपील का सपोर्ट करते हुए घरों से नहीं निकले और पूरे जनपद मे रोडो पर सन्नाटा पसरा रहा। पुलिस सक्रिय रही सभी मार्केट बंद रहे।


चीन से फेले कोरोना नाम के वायरस ने पूरी दुनिया मैं तबाही मचा रखी है इस वायरस ने बहुत तेजी से भारत में पांव पसारे इस वायरस से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनता से अपील की है कि 25 मार्च से 15 अप्रैल तक लाॅकडाउन/कफ्र्यू लगा कर वायरस को हराना है। वहीं देश के साथ जनपद जालौन की जनता ने भी उनकी अपील का सपोर्ट किया। जनपद जालौन में सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। सभी दुकानें बंद रही पुलिस सक्रिय रहीं और जो सड़कों पर लोग गाड़ी से सड़कों पर दिखे उनसे पूछताछ कर ही आगे आने दिया। अन्यथा उन्हें वापस भेजा गया।
माधौगढ़ प्रतिनिधि के अनुसार प्रधानमंत्री की अपील पर लाॅकडाउन/कफ्र्यू के दौरान बाजार व सड़कों पर सन्नाटा छाया रहा। वहीं पर कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता के अभाव में लोगों के समूह बनाकर बैठने से कोरोना वायरस के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान को झटका लगा है। माधौगढ़ तहसील अंतर्गत जगम्मनपुर, रामपुरा, ऊमरी आदि बाजारों में लाॅकडाउन/कफ्र्यू का शत-प्रतिशत असर दिखाई दिया एक भी दुकान न खोलने से हमेशा ग्राहकों व लोगों से भरे रहने वाले बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा, लेकिन इसके उलट जहां ग्रामीण क्षेत्र के गांव मोहल्लों में इक्का-दुक्का लोग ही दिखाई देते थे। वहां मोहल्लों में जश्न जैसा माहौल दिखाई दे रहा था। बालक, युवक, वृद्ध समूह में बैठकर कोरोना महामारी का माखौल उड़ाते हुए चुनौती दे रहे थे तो कुछ लोग प्लेइंग कार्ड खेलते नजर आ रहे थे। इन लोगों से समूह में न बैठने व अपने-अपने घरों में रहने की सलाह देने पर लोगों का तर्क था कि हमारे यहां कोरोना वायरस का कोई असर नहीं होगा हालाकि देशवासियों व ग्रामीणों में आत्मविश्वास होना सराहनीय है किंतु इनका असुरक्षित ढंग से समूह में खड़ा होना, बैठना जनजीवन को संकट में डालने जैसा प्रतीत हो रहा था। ग्रामीणों का यह गैर जिम्मेदाराना कार्य कोरोना वायरस के पक्ष में एवं वायरस से बचाव के सुरक्षा चक्र को क्षति पहुंचाई जाने वाला कृत्य माना जा सकता है। फिलहाल शहरी इलाकों मे प्रधानमंत्री द्वारा की गयी लाॅकडाउन/कफ्र्यू अपील को दृष्टिगत रखते हुये लोगों ने पूर्ण रूप से सहयोग किया तथा मोहल्लों एवं मुख्य सड़कों पर पूरे दिन सन्नाटा पसरा दिखाई दिया। अगर कोई व्यक्ति निकला भी है तो आवश्यक कार्य के लिये ही उसे निकलना पड़ा।