ओवरहेड टैंक का खुदा गढ्ढा, कुंए से पानी भरते लोग


हमीरपुर।मौदहा तहसील के गुसियारी गांव में जलनिगम की लापरवाही से इस साल गर्मी के मौसम में गांव के लोगो के हालत सूखे रह जायेंगे। बुन्देलखण्ड विकास निधि से दो साल पहले 4.86 करोड़ की धनराशि जलनिगम को मिल गयी थी। मगर उसकी लापरवाही से इस साल भी बडी आबादी को पीने के पानी मिलने की कोई उम्मीद नही है। तमाम प्रयासो के बावजूद न तो काम में तेजी आयी है और न तो अधिकारी संतोषजनक जवाब दे पा रहे है। आजादी के बाद से इस गांव में 8 हजार लोगो को पीने के पानी मुहैया कराने के लिए सरकार ने बहुत प्रयास किये। बुन्देलखण्ड विकास निधि से 4.86 करोड की लागत से 4 नये नलकूप और ओवरहेड टैंक बनाकर पूरे गांव में पाइपलाइन बिछानी थी। लग रहा था कि इस साल गर्मी में यहा के लेाग पीने के पानी की समस्या से निजात पा जायेंगे। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि असरार अहमद ने बताया कि चार मे से तीन बोर सफल हो गये है। उसके बाद जलनिगम ने फिर जमीन का प्रस्ताव मांगा दो प्रस्ताव भेजे भी गये, टंकी और पाइपलाइन का अप्रूवल भी आ गया, मगर आज तक काम शुरू नही हुआ। एक ही नलकूप की कोठी तैयार करवायी गयीं। बांकी वैसे ही पडे है। नलकूप में बिजली का कनेक्शन भी नही कराया गया। ओवरहेड टैंक बनाने के लिए गढ्ढा एक साल पहले खोद दिया गया था। मगर इसके बाद आज तक काम आगे नही बढ़ा। ठेकेदार का कहना है कि विभाग से उसे हरी झंडी नही मिली। मामला शासन स्तर पर अटका है। प्रधान प्रतिनिधि का कहना है कि वाटर टेस्टिंग हो चुकी है। रिपोर्ट पाजिटिव आयी है। इसके बाद भी काम लटका है। जिससे गांव वालो में नाराजगी है। गुसियारी गांव के राजेश तिवारी, वीरेन्द्र शर्मा, अभिषेक तिवारी, ठेकेदारी कबीर भाई का कहना है कि इस गांव में गर्मी में दिन काटना किसी सजा से कम नही है। ग्रामीणांे को काफी दूर एक कुंए से पानी लाना पड रहा है। गांव में पानी का सहारा कुआ है। खंडेह पेयजल योजना से गांव में पानी नाम मात्र को आता है। वह भी हफ्ते में एक दिन आता है। हैण्ड पंपो का पानी खारा है। जिसे पीना मुश्किल है। इन हालातो में इस साल भी गांव के बासिंदे गर्मी मंे पीने के पानी को तरस जायेंगे।